कोरोना से लड़ने के लिए अलग अलग वर्ग और परिस्थितियों के लोगों में कितनी एंटीबॉडी बनी इसका पता लगाने के लिए प्रदेश में शुक्रवार को सीरो सर्वे की शुरुआत हो गई. योगी सरकार के निर्देश पर शुक्रवार से सैंपलिंग शुरू कर दी गई. सीरो सर्वे 6 जून तक चलेगा. जून के अंत तक स्वास्थ्य विभाग सीरो सर्वे की रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा.
सीरो सर्वे के दौरान प्रदेश के अलग अलग इलाकों से लोगों के खून का सैंपल लिया जा रहा है. सीरो सर्वे तीन स्तरों पर किया जा रहा है. सर्वे में कोविड पॉजिटिव हुए लोगों के ब्लड सैंपल के साथ ही शहरी इलाकों के कुछ सामान्य लोग और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को शामिल किया गया है. गांव और शहरों की मलिन बस्तियों से भी कुछ सैंपल लिए जाएंगे.
सर्वे के दौरान आयु और लिंग के आधार पर भी सैंपलों की रिपोर्ट का आकलन किया जाएगा. सीरो सर्वे में अलग अलग परिस्थितियों में रह रहे प्रदेश के लोगों के शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी के स्तर का पता लगाया जाएगा. इस सर्वे के आधार पर यह भी पता लगाया जाएगा कि प्रदेश की कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित हुई. राजधानी लखनऊ के साथ ही प्रदेश भर में शुक्रवार से सीरो सर्वे शुरू हो गया है.
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान सितंबर महीने में 11 जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने सीरो सर्वे किया था. स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, मेरठ, कौशांबी, बागपत व मुरादाबाद में सर्वे कराया था. उस दौरान 11 जिलों में सीरो सर्वे में 22.1 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई थी.
समर्थ श्रीवास्तव