देश भर में मॉब लिंचिंग पर मचे सियासी घमासान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि लिंचिंग की घटनाओं को बेवजह तूल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मॉब लिचिंग की बात करते हैं तो 1984 क्या था ?
योगी ने हाल ही में राजस्थान के अलवर में रकबर खान की लिंचिंग के बाद देश भर में भीड़ द्वारा हिंसा को लेकर शुरू हुई बहस पर ये बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है. कांग्रेस इस मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साध कर मामले में तिल का ताड़ बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह कोशिश सफल नहीं होगी.
योगी के इस बयान पर पलटवार करते हुए एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि भारत में संविधान और कानून का राज होना चाहिए न कि बहुसंख्यक/अल्पसंख्यक की भावनाओं का. इस तरह से देश में अराजकता का माहौल पैदा होगा. जीने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार इंसानों (जिसमें मुस्लिम भी शामिल है) को मिला है. आशा करते हैं आप समझेंगे.
यागी ने अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में बहस को लेकर कहा कि पूरे देश ने राहुल गांधी की बचकानी हरकत को रिजेक्ट कर दिया है. अविश्वास प्रस्ताव से कांग्रेस का चेहरा उजागर हो गया है. प्रस्ताव के दौरान विपक्षी दल का बयान और हरकत अपरिपक्व थी. इससे उनका व्यक्तित्व फिर सबसे सामने आ गया.
अपनी सरकार की उपलब्धियों का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि ये उनका सौभाग्य है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों का इतने कम समय में दौरा करने वाला पहला सीएम बना हूं. मैंने राज्य मशीनरी को सक्रिय किया है, हम 75 जिलों में गए और 18 कमिश्नरियों की समीक्षा बैठक की और विकास मॉडल का अनुपालन सुनिश्चित किया.
विवेक पाठक