उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने प्रदेश में चार मूर्तियां लगाने का फैसला किया है. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत की मूर्तियां शामिल हैं. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही गोरखपुर मठ के प्रमुख कर्ताधर्ता हैं.
यूपी सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फुट ऊंची प्रतिमा लखनऊ स्थित लोकभवन में लगाई जाएगी. इसी भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दफ्तर है. इसके साथ ही गोरखपुर के एक अकादमिक संस्थान में गोरखधाम मठ के महंत दिग्विजय नाथ और महंत अवैद्यनाथ की 12.50 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इसके अलावा लखनऊ के राज भवन में स्वामी विवेकानंद की 12.50 फुट ऊंची मूर्ति लगाने का फैसला किया गया है. राजभवन राज्यपाल राम नाईक का आधिकारिक निवास है.
वाजपेयी के 94वें जयंती पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा, 'हमने लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की प्रतिमा लगाने का फैसला किया है. वाजपेयी ने देश में पहली बार सुशासन की नींव रखी और वे पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने गरीबों के लिए मुफ्त या सब्सिडी पर राशन देने की योजना चलाई.'
चार प्रतिमाएं लगाने का फैसला योगी आदित्यनाथ के उस फैसले के एक महीने बाद आया है जिसमें उन्होंने अयोध्या में भगवान राम की 221 फुट ऊंची मूर्ति लगाने का निर्णय लिया. यह मूर्ति अयोध्या में सरयू नदी के तीर पर बनेगी.
मूर्ति लगाने के फैसले पर यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने कहा, 'हमें मूर्तियां लगाने पर कोई ऐतराज नहीं है लेकिन विकास के उन वायदों को पूरा करने पर सरकार को जोर देना चाहिए.' विपक्षी दलों के बयान पर यूपी बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देश के सबसे महान नेता थे, इसलिए उनके सम्मान में प्रतिमा लगाई जा रही है. हम उन नेताओं को तवज्जो दे रहे हैं जिनका समाज में काफी योगदान रहा है. प्रदेश की जनता ने सभी विपक्षी दलों को नकार दिया है क्योंकि वे सिर्फ विकास का झांसा देते रहे हैं. जब से हमारी सरकार आई है, तब से समाज का हर तबका सशक्त बना है. तभी हमारी कोशिशों को समग्र देश में पहचान मिल रही है.'
aajtak.in / नीलांशु शुक्ला