उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की. रविवार को मुलायम सिंह यादव की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बैठक में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी मौजूद रहे और मुलायम सिंह के भाई शिवपाल भी मौजूद रहे.
दरअसल. मुलायम सिंह यादव हाईपर ग्लाईसिमिया (हाईपर टेंशन) और हाईपर डायबीटीज की समस्या से पीड़ित हैं. इससे पहले जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनसे मुलाकात के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंचे थे. वहीं अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, भाई शिवपाल यादव और बेटे अखिलेश यादव भी मुलायम की हाल-चाल लेने पहुंचे.
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने न के बराबर ही चुनावी सभाएं की हैं, वहीं उन्होंने मैनपुरी से चुनाव लड़ा और चुनाव में जीत भी हासिल की. लेकिन पिछले काफी वक्त से उन्हें सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मुलायम सिंह को रविवार को ही लखनऊ के लोहिया इंस्टिट्यूट में हाई शुगर की समस्या की वजह से चेकअप के लिए भर्ती करवाया गया था. जहां डॉ. भुवन चंद्र तिवारी की देखरेख में मुलायम सिंह यादव का इलाज हुआ.
बता दें कि मुलायम सिंह यादव पिछले कई दिनों से अखिलेश और शिवपाल से अलग-अलग मुलाकात कर रहे हैं और दोनों के बीच जारी मतभेद को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का निराशाजनक प्रदर्शन रहा. जिसके बाद से ही मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल बीच रिश्तों को बहाल करने के लिए नए सिरे से कोशिशें तेज कर चुके हैं.
एसपी को मिली महज 5 सीटें
दरअसल, इस बार के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया था. हालांकि ये गठबंधन भारतीय जनता पार्टी की आंधी के आगे फेल हो गया. लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा-रालोद के साथ आने के बावजूद गठबंधन सिर्फ 15 सीटें ही जीत पाया, तो वहीं भाजपा अकेले दम पर 62 सीटें ( अपना दल समेत 64) लाने में कामयाब रही. समाजवादी पार्टी सिर्फ 5 और बहुजन समाज पार्टी 10 सीटों पर सिमट कर रह गई.
आम चुनाव 2019 में मुलायम मैनपुरी, अखिलेश यादव आजमगढ़ और आजम खां रामपुर से चुनाव जीते. हालांकि इस चुनाव में डिंपल यादव ने कन्नौज सीट से चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें हार मिली. वहीं इस चुनाव में मायावती ने आरोप लगाया कि शिवपाल यादव ने इस चुनाव में वोट काटने का काम किया है. दरअसल, पिछले साल शिवपाल ने 'प्रगतिशील समाजवादी पार्टी' के नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली थी. उन्होंने कुनबे में फूट के लिए रिश्ते के भाई और पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव को जिम्मेदार ठहराया था. जिसके बाद अब मुलायम सिंह यादव वापस अखिलेश और शिवपाल को साथ लाने की कोशिशें कर रहे हैं.
नीलांशु शुक्ला