दूर होगी कोवैक्सीन की कमी, सितंबर से BIBCOL बनाएगी हर महीने 1 करोड़ डोज

केंद्र सरकार ने पोलियो का टीका बनाने वाली कंपनी भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स कॉपरेशन (BIBCOL) को टीके के उत्पादन करने की अनुमति दे दी है. कंपनी हर माह एक करोड़ करोड़ Covaxin का उत्पादन करेगी. पूरे देश में वैक्सीन की कमी को लेकर हो रही चर्चा के बीच ये एक बड़ी राहत की खबर है.

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BIBCOL (File photo) BIBCOL (File photo)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • बुलंदशहर,
  • 21 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST
  • BIBCOL समेत 3 कंपनियां करेंगी कोवैक्सीन का उत्पादन
  • भारत बायोटेक से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की गई है
  • शुरुआत में एक महीने में 1 करोड़ का उत्पादन
  • जल्दी बढ़ाकर प्रतिमहीने 2 करोड़ उत्पादित की जाएंगी

भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स कॉपरेशन (BIBCOL) उन तीन कंपनियों में से एक है जिसको कोवैक्सीन बनाने के लिए अनुबंधित किया गया है. भारत बायोटेक और भारत सरकार ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लैब डेवलपमेंट का कॉन्फिडेंशियल एग्रीमेंट साइन कर लिया है. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बाद इस फैक्ट्री से सितंबर महीने से हर महीने एक करोड़ वैक्सीन डोज इस उत्पादित होंगी. आगे चलकर इस फैक्ट्री की उत्पादन क्षमता को प्रति महीने दो करोड़ तक भी किया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से अच्छी खबर आई है. यहां पर कोरोना का 'कवच' कोवैक्सीन टीके का उत्पादन होगा. केंद्र सरकार ने पोलियो का टीका बनाने वाली कंपनी भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स कॉपरेशन (BIBCOL) को टीके के उत्पादन करने की अनुमति दे दी है. कंपनी हर माह एक करोड़ करोड़ Covaxin का उत्पादन करेगी. पूरे देश में वैक्सीन की कमी को लेकर हो रही चर्चा के बीच ये एक बड़ी राहत की खबर है.

वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार और BIBCOL ने एक बड़ा समझौता किया है. यहां हर महीने एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन तैयार की जाएंगी और आने वाले दिनों में यहां वैक्सीन को तैयार करने की क्षमता दो करोड़ तक कर दी जाएगी.

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भारत सरकार ने कहा है कि Indian Immunologicals Ltd (IIL), BIBCOL और Haffkine Institute से कोवैक्सिन का प्रॉडक्शन शुरू किया जाएगा. UP के बुलंदशहर में मौजूद BIBCOL के साथ समझौता हुआ है, जिसमे भारत बायोटेक ने BIBCOL को कोवैक्सीन बनाने का फॉर्मूला दिया है, कोवैक्सीन बनाने के लिए जल्द ही BIBCOL एक खास तरीके की लैब BS-3 स्थापित करेगा. BIBCOL हर महीने एक करोड़ डोज़ वैक्सीन और बाद में 2 करोड़ डोज़ हर महीने वैक्सीन तैयार करेगा.

BIBCOL के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार शुक्ला ने आजतक से बातचीत में जो जानकारी दी है उसके मुताबिक BIBCOL देश में इस समय पोलियो की 60% वैक्सीन उत्पादित करती है. जिसके पास वैक्सीन के स्टोरेज करने की क्षमता भी है, साथ ही यह कंपनी वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन भी मेंटेन कर सकती है, यही वजह है कि भारत सरकार ने BIBCOL को यह काम यानी कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए समझौता किया है.

राजीव कुमार शुक्ला के मुताबिक उनकी यह कंपनी माइनस 20 डिग्री सेंटीग्रेड तक किसी वैक्सीन को रखने की क्षमता रखती है. जल्द ही यहां पर भारत बायोटेक और BIBCOL के साइंटिस्ट बीएस-3 लैब की स्थापना करेंगे उसके बाद सितंबर से वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

भारत सरकार यहां शुरुआती दौर में 30 करोड़ की आर्थिक मदद कर रही है. जिससे कोवैक्सीन का उत्पादन हो सकेगा. BIBCOL एक ऐसा सरकारी उपक्रम है जहां से हर साल 6 करोड़ पोलियो वैक्सीन बनाई जाती हैं और इस संस्थान को पोलियो वैक्सीन बनाने की महारत हासिल है.

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कोरोना वैक्सीन का जब उत्पादन होता है तो उसके लिए कोल्ड चेन को मेंटेन करना बहुत ही आवश्यक होता है. BIBCOL के अंदर कोल्ड चेन को मेंटेन करने के लिए बड़े-बड़े एसी प्लांट लगाए गए हैं और इसके जरिए ही वैक्सीन के कोल्ड चेन को मेंटेन किया जाता है. यह ऐसी क्षमता है कि जिसके जरिए अगर वैक्सीन का भारी संख्या में उत्पादन होता है तो उसको भी स्टोरेज किया जा सकता है.

आजतक से बातचीत में BIBCOL के एजीएम आशीष चौहान ने बताया कि प्लांट में कोल्ड चेन मेंटेन करने की वह तमाम सुविधाएं मौजूद है जो बड़े-बड़े वैक्सीन बनाने वाले प्लांट में उपलब्ध नहीं होती हैं.

 

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