यूपी: सऊदी अरब में फंसे युवक की हुई वतन वापसी, कंपनी नहीं दे रही थी पासपोर्ट और सैलरी

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की पुलिस के हस्तक्षेप के बाद सऊदी अरब में फंसे युवक की सकुशल वतन वापसी हो गई है. युवक के परिजन ने ट्विटर पर मदद की गुहार लगाई थी. इसके बाद पुलिस ने पीड़ित और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था. युवक साल 2019 में प्लंबर का काम करने सऊदी अरब गया था.

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युवक का हाल जानने उसके घर पहुंची पुलिस. (Photo: Aajtak) युवक का हाल जानने उसके घर पहुंची पुलिस. (Photo: Aajtak)

aajtak.in

  • भदोही,
  • 16 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST
  • कंपनी ने अपने पास रख लिया था पासपोर्ट
  • भारतीय दूतावास की मदद से लौट सका वतन

सऊदी अरब में फंसे युवक को वापस लाने के लिए जब ट्विटर पर यूपी पुलिस से गुहार लगाई गई तो मामले में पुलिस की सक्रियता के बाद युवक की सकुशल वतन वापसी हो गई. युवक के घर पहुंचने के बाद परिजन बेहद खुश हैं.

दरअसल, भदोही के कोइराना के रहने वाले राकेश उपाध्याय प्लंबर का काम करने सऊदी के जेद्दा शहर गए थे. कई माह पहले उनका एग्रीमेंट पूरा हो गया था, इसके बावजूद कंपी राकेश को वापस नहीं आने दे रही थी.

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युवक के परिजन ने ट्विटर पर पुलिस से मदद की गुहार लगाई. भदोही एसपी की तत्परता के बाद कंपनी ने युवक को वापस भेज दिया. युवक का आरोप है कि उसका तीन लाख से अधिक बकाया कंपनी ने नहीं दिया.

2021 में पूरा हो गया था कॉन्ट्रैक्ट

कोइराना थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव निवासी 35 वर्षीय राकेश उपाध्याय सऊदी अरब दो साल के अनुबंध पर प्लंबर का काम करने गया था. साल 2019 में कॉन्ट्रैक्ट किया गया था, जो 20 जून 2021 को पूरा हो गया. 

पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि उपाध्याय ने अपने परिजन को फोन पर जानकारी दी थी कि उनका 'इकामा' (ग्रीन कार्ड) खत्म होने के बाद उन्हें न तो वेतन दिया गया और न ही उनका पासपोर्ट लौटाया जा रहा है. इसकी वजह से वह फंसकर रह गया है. इसके बाद राकेश के भाई कमलेश ने एसएचओ जय प्रकाश यादव को पूरे मामले की जानकारी दी.

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भदोही पुलिस ने घटना के बारे में विदेश मंत्रालय (एमईए) को सूचना दी. इसके जब सऊदी अरब में भारतीय दूतावास को इस बारे में जानकारी दी गई तो फर्म के मालिक को पुलिस की मदद से दूतावास में बुलाया गया. इसके बाद कहा गया कि राकेश उपाध्याय का एक साल का वेतन 4.5 लाख रुपये उन्हें दिया जाए. हालांकि, कंपनी ने बहाना कर वेतन रोक दिया. इसके बाद दूतावास ने फिर हस्तक्षेप किया. 

इसके बाद 1 जुलाई और फिर 3 जुलाई को भदोही पुलिस ने भारतीय दूतावास को सूचना दी कि राकेश को कोई राहत नहीं मिली है. इसके बाद राकेश को कंपनी में बुलाया गया, उनका वेतन भुगतान किया गया और दस्तावेज भी सौंप दिए गए. 7 जुलाई को राकेश को वहां से जाने दिया गया. 14 जुलाई की रात राकेश दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए. एसपी ने बताया कि शुक्रवार शाम राकेश अपने गांव लौट आए.

रिपोर्टः महेश जायसवाल

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