यूपी विधानसभा के विशेष मॉनसून सत्र में सरकार ने 16 विधेयक पास कराए, तो वहीं विपक्ष ने कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच कोरोना समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सरकार पर नियमों के खिलाफ जाकर कई विधेयक पास कराने का भी आरोप लगाया.
बसपा विधायकों ने विधानसभा के वेल में आकर नारेबाजी की और वॉक आउट किया. सदन में ब्राम्हणों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए विपक्षी विधायकों ने बहिर्गमन किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्राह्मण सियासत, परशुराम पॉलिटिक्स और कानून व्यवस्था को लेकर उठे सवालों के जवाब भी दिए. सीएम योगी विपक्षी दलों पर जमकर बरसे.
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सीएम योगी ने कहा कि ये वही लोग हैं, जिनकी सरकार के समय ब्राम्हणों पर जमकर अत्याचार हुए. आज वे जाति की राजनीति कर रहे हैं. सीएम योगी ने साल 2004 के एक हत्याकांड का हवाला देते हुए विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कन्नौज के एक ब्राह्मण नीरज मिश्रा का सिर कटवाकर मंगवाया था. आज वे ब्राह्मणों के नाम पर जाति की राजनीति कर रहे हैं.
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सीएम योगी ने विधानसभा में राम मंदिर को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि कई साल से चले आ रहे विवाद का अंत पीएम मोदी और अमित शाह के प्रयासों से हुआ. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा कि जो लोग राम के अस्तित्व को नकारते थे, वो अब राम-राम चिल्ला रहे हैं.
इससे पहले, हंगामे के बीच विधानसभा में 17 विधेयक पारित हुए. इनमें उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020 भी शामिल है. आपको बता दें कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार इस बिल के जरिए ही उपद्रवियों से वसूली की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए यह कदम उठाया है.
शिवेंद्र श्रीवास्तव