उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के बाद अब अमेठी में दलित छात्राओं के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है. इसमें स्कूल प्रिंसिपल पर छात्राओं को पीटने और मीड डे मील में अलग बैठाने का आरोप लगा है. TMC नेता महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले पर ट्वीट किया और योगी सरकार को निशाने पर लिया.
उत्तर-प्रदेश में मैनपुरी के बाद अब स्मृति इरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में सरकारी स्कूल में जातीय भेदभाव का मामला सामने आया है. इसमें स्कूल की प्रिंसिपल पर दलित बच्चों को मारने पीटने के साथ खाने के लिए अलग बैठाने का आरोप लगा है. मामले की आंतरिक जांच में प्रिंसिपल को दोषी पाया गया, इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसे निलंबित किया. इतना ही नहीं आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ ग्राम प्रधान और परिजनों की शिकायत पर संग्रामपुर थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ है.
मामला अमेठी जिले के संग्रामपुर में स्थित बनपुरवा प्राथमिक पाठशाला का है. वहां पढ़ने वाली दलित छात्राओं ने अपने परिजनों को घर आकर बताया था कि उनकी अध्यापिका कुसुम सोनी हमेशा देर से आती है और पढ़ाने के नाम पर उन्हें बहुत मारती है. छात्राओं ने ये भी बताया कि उनकी अध्यापिका उनको खाने के समय अलग लाइन में बैठाती हैं.
महुआ मोइत्रा ने योगी सरकार को घेरा
यूपी में पिछले दिनों सामने आई क्राइम की खबरों पर महुआ मोइत्रा ने राज्य सरकार को घेरा. उन्होंने लिखा, 'दलित छात्र को अमेठी के स्कूल में अलग बैठाया गया. पिछले हफ्ते मैनपुरी में ऐसा हुआ. गोरखपुर में पुलिस ने बेकसूर शख्स को मार दिया. अजय बिष्ट (सीएम योगी) किस राम से शिक्षा ले रहे हैं...नाथूराम?'
आरोपी शिक्षिका निलंबित
इस मामले की शिकायत ग्रामीणों ने प्रधान विनय कुमार जायसवाल से की तो उन्होंने पूरे मामले को संज्ञान लिया. फिर बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठक ने मामले की शिकायत को संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से आरोपी शिक्षिका कुसुम सोनी को निलंबित किया. इतना ही नहीं परिजनों की तहरीर पर प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी. हालांकि, प्रिंसिपल कुसुम सोनी ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को झूठा बताया है.
आलोक श्रीवास्तव