समाजवादी पार्टी के लिए क्या फिर लकी साबित होगा आगरा!

बात ये है कि समाजवादी पार्टी ने ताज की नगरी में आकर जब जब अपना सम्मेलन किया है तब तब पार्टी का भला हुआ है. साल 2003 में पार्टी की स्थापना करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने आगरा में ही पार्टी का अधिवेशन किया था जहां पार्टी के बारे में तमाम फैसले किये गए थे. आगरा उनके लिए लकी साबित हुआ और विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी सरकार बनाने की हैसियत में आ गई.

Advertisement
मुलायम सिंह और अखिलेश यादव. मुलायम सिंह और अखिलेश यादव.

आदित्य बिड़वई / बालकृष्ण

  • आगरा.,
  • 03 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

आगरा में 5 अक्टूबर को होने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या मुलायम सिंह इसमें शिरकत करके अखिलेश यादव को आशीर्वाद देंगे या नहीं. अगर ऐसा होता है तो ये माना जा सकता है कि समाजवादी पार्टी में मुलायम परिवार के भीतर का घमासान थम गया है और सुलह की उम्मीद जग जाएगी.

Advertisement

हालांकि, ये बात अब लगभग तय है कि अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का पद मुलायम सिंह को नहीं लौटाने जा रहे हैं. बल्कि राष्ट्रीय अधिवेशन में वो अध्यक्ष के तौर पर अपने चुनाव पर मुहर लगवाएंगे.  शिवपाल यादव के बारे में भी ये तय माना जा रहा है कि वो आगरा के अधिवेशन में नहीं जाएगें. क्योंकि, वहां पर पूरी तरह से अखिलेश यादव और उनके समर्थकों का बोल बाला होगा.

सजधज के तैयार आगरा...

राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी में आगरा के फतेहाबाद रोड सजधज कर तैयार हो चुका है. यहां नजारा कुछ ऐसा हो गया है जैसे आप इटावा या सैफई पहुंच गये हैं. आगरा के सम्मेलन में इस बात की रणनीति भी बनायी जाएगी कि विधानसभा में पार्टी के चारों खाने चित्त होने के बाद लोकसभा की तैयारी इस तरह से की जाए ताकि बीजेपी के रथ को रोका जा सके.

Advertisement

समाजवादी पार्टी के लिए भाग्यशाली रहा है आगरा

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता तो इसी बात से उत्साहित हैं कि ये अधिवेशन आगरा में हो रहा है. आगरा और समाजवादी पार्टी का नाता पुराना है और पार्टी के लोग मानते हैं कि आगरा पार्टी के लिए भाग्यशाली रहा है. बात सिर्फ इतनी नहीं है कि आगरा मुलायम परिवार के घर सैफई और इटावा से करीब है और इस इलाके में पार्टी की मजबूत पकड़ है.

दरअसल, बात ये है कि समाजवादी पार्टी ने ताज की नगरी में आकर जब जब अपना सम्मेलन किया है तब तब पार्टी का भला हुआ है. साल 2003 में पार्टी की स्थापना करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने आगरा में ही पार्टी का अधिवेशन किया था जहां पार्टी के बारे में तमाम फैसले किये गए थे. आगरा उनके लिए लकी साबित हुआ और विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी सरकार बनाने की हैसियत में आ गई.

बीएसपी से हारने के बाद आए थे आगरा के शरण में...

2007 में बीएसपी के हाथों बुरी तरह पराजित होन के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी आगरा की शरण में आई. 2009 में और फिर 2011 में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन आगरा में किया गया. इसी अधिवेशन में मुलायम ने अखिलेश यादव को पार्टी के युवा चेहरे के तौर पर आगे किया और अगले विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने.

Advertisement

लेकिन समाजवादी पार्टियों का विश्वास और अंधविश्वास हर बार सही साबित नहीं होता. यूपी की पार्टियों में इस बात को लेकर अंधविश्वाश है कि जो मुख्यमंत्री नोएडा आता है वो अगली बार चुनाव हार जाता है. इसी अंधविश्वास की वजह से पूरे पांच साल अखिलेश यादव नोएडा नहीं आए और नोएडा की योजनाओं का शिलान्याश- उद्घाटन भी लखनऊ से ही करते रहे. लेकिन वो फिर भी बुरी तरह से चुनाव हार गए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement