पश्चिमी यूपी में हिन्दू स्वाभिमान सेना के ट्रेनिंग कैंप, IS से लड़ने की तैयारी

 ये कैंप सांप्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैले हैं. इस संगठन की लिस्ट में बच्चों को भी शामिल किया गया है.

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IS को चुनौती देने के लिए किए जा रहे तैयार IS को चुनौती देने के लिए किए जा रहे तैयार

लव रघुवंशी

  • मेरठ,
  • 20 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:07 AM IST

दिल्ली के बाहरी इलाके और उत्तराखंड के बॉर्डर तक हिन्दू स्वाभिमान सेना ट्रेनिंग देकर अपनी धर्म सेना का विस्तार कर इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने की तैयारी कर रही है. इनका मानना है कि आईएसआईएस 2020 तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अपने कब्जे में ले लेगा. हिन्दू स्वाभिमान सेना के नेताओं ने दावा किया कि 15,000 सैनिक पहले से ही अपनी सुरक्षा और आस्था के लिए मरने को तैयार हैं.

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उनकी एक टीम ने एक हफ्ते में इनके चार कैंपों का दौरा किया. ये कैंप सांप्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैले हैं. इस संगठन की लिस्ट में बच्चों को भी शामिल किया गया है. कुछ की तो उम्र महज आठ साल हो रही है. सभी को तलवार और बंदूक चलाने की शिक्षा दी जा रही है. गाजियाबाद जिले के डासना स्थित एक मंदिर में इस संगठन का हेडक्वॉर्टर है और इसके नेता यहीं मिलते हैं. इन नेताओं ने दावा किया कि इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. इनके 50 ट्रेनिंग कैंप हैं जिनमें कुछ गुप्त हैं और अन्य बमहेता, रोरी में चल रहे हैं. यहां खुलेआम पुरुषों, महिलाओं, लड़के, लड़कियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

मेरठ सिटी में इनके तीन कैंप चल रहे हैं और अकेले मुजफ्फरनगर में इनके पांच कैंप हैं. विश्व हिन्दू परिषद और दुर्गा वाहिनी के अलावा हिन्दू स्वाभिमान के नेता चेतन शर्मा ने कहा, 'हमारे लक्ष्य सरल हैं- युवाओं को पकड़ो. हम पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कम से कम 50 ट्रेनिंग सेंटर चला रहे हैं. हमारे छात्रों की उम्र 8 से 30 साल के बीच की है. हम बच्चों को सीधे तलवार और बंदूक नहीं देते हैं. पहले 6 महीने तक हम इन्हें मानसिक प्रशिक्षण देते हैं. हम इन्हें गीता के छंदों को सिखाते हैं. हिन्दुओं को मौत से डर नहीं लगता क्योंकि वह फिर से जन्म लेता है. यहां बच्चे बहुत निडर हैं.'

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एक 9 साल के बच्चे ने अपनी भावनाओं को बड़ी मजबूती के साथ कहा, 'सरकारें विफल रही हैं इसलिए हम हथियार उठाने पर बेबस हैं. भारत में आतंकियों के हमले के चलते हिन्दू स्वाभिमान को युवाओं के मन को भ्रमित करने का अवसर मिलता है.

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