तेलंगाना के ऊर्जा मंत्री जी जगदीश रेड्डी के खिलाफ चुनाव आयोग ने शनिवार को कार्रवाई कर दी. आयोग ने उन पर अगले 48 घंटों तक किसी भी तरह के चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी है. दरअसल तेलंगाना में 3 नवंबर को उपचुनाव है. इसको लेकर रेड्डी प्रचार कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक बयान दे दिया था.
इस मामले को आयोग ने संज्ञान में लेते हुए रेड्डी को कारण बताओ नोटिस जारी कर 29 अक्तूबर तक जवाब मांगा था. रेड्डी ने अपने जवाब में किसी दुर्भावना से ऐसा बयान देने के आरोप से इनकार किया. आयोग ने संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी मानते हुए कार्रवाई कर दी. वह अब दो दिन तक किसी भी जनसभा, रैली, रोड शो या नुक्कड़ सभा नहीं कर सकेंगे.
जगदीश ने दिया था यह विवादित बयान
25 अक्टूबर को एक जनसभा के दौरान जगदीश रेड्डी ने कहा था कि मुनुगोड़े उपचुनाव में अगर लोग कार सिंबल (बीआरएस चुनाव चिह्न) के लिए वोट नहीं करते हैं तो कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी जाएंगी यानी नो वोट नो स्कीम.
बीजेपी नेता ने की थी शिकायत
बीजेपी के कपिलवई दिलीप कुमार ने 26 अक्टूबर को जगदीश रेड्डी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया कि मंत्री ने अपने भाषण में बीआरएस उम्मीदवार को वोट नहीं देने पर सभी कल्याणकारी योजनाओं को रोकने की बात कही है.
'पेंशन योजना जारी रखनी है या नहीं?'
जगदीश रेड्डी ने अपने भाषण में कहा था कि 'ये चुनाव कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और राजगोपाल रेड्डी के बीच नहीं है. बल्कि यह 2,000 रुपये की पेंशन जारी रखने या न रखने के लिए है, रायथु बंधु को जारी रखना है या नहीं, 24 घंटे फ्री बिजली जारी रखनी है या नहीं, इसके लिए है. विकलांगों के लिए 3,000 रुपये पेंशन जारी रखना है या नहीं?'
'पेंशन में दिलचस्पी नहीं है तो मोदी को वोट दें'
उन्होंने आगे कहा कि 'जो लोग योजनाओं को जारी रखने के इच्छुक हैं, वे कार के लिए वोट करें और केसीआर के साथ खड़े हों. पीएम मोदी ने 3,000 रुपये पेंशन को ना कहा लेकिन केसीआर ने कहा कि वह इसे निश्चित रूप से देंगे. अगर किसी को पेंशन में दिलचस्पी नहीं है तो वह मोदी को वोट दे सकता है. अगर किसी को ये योजनाएं चाहिए तो केसीआर को वोट दे.'
अब्दुल बशीर