देश का मिजाजः योगी आदित्यनाथ सर्वश्रेष्ठ सीएम, नीतीश से दोगुनी है लोकप्रियता

आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने इस सर्वे के लिए 12,126 लोगों से साक्षात्कार किया, जिसमें 67 फीसदी ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी लोगों से सवाल पूछे गए.

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-twitter/myogiadityanath) यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-twitter/myogiadityanath)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST

आजतक-कार्वी इनसाइट्स की ओर से बुधवार को एक बड़ा सर्वे जारी किया गया. इसमें तीन तलाक और अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों पर रायशुमारी की गई. यह नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल पर सबसे बड़ा सर्वे है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से लेकर एनडीए और यूपीए को मिलने वाली सीटें और वोट शेयर के बारे में भी जाना गया. सर्वे में मुख्यमंत्रियों पर भी लोगों से राय ली गई. इसमें पता चला कि मुख्यमंत्रियों में योगी आदित्यनाथ सर्वश्रेष्ठ हैं जिन्हें 20 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है.

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आजतक-कार्वी इनसाइट्स के सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि मुख्यमंत्रियों की लोकप्रियता में योगी अगर नंबर एक हैं तो 10 फीसदी वोटों के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नंबर दो पर हैं. इसमें खास बात यह है कि नंबर एक और नंबर दो का फासला 50 फीसदी से ज्यादा का है. तीसरे नंबर पर तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्री एक साथ हैं. महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और ओडिशा के नवीन पटनायक को 8-8 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तीसरे नंबर के मुख्यमंत्रियों के प्रतिशत का अंतर काफी कम है.

इन मुख्यमंत्रियों के बाद आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी का नाम आता है. जगन मोहन 7 फीसदी अंकों के साथ चौथे नंबर पर हैं. इसके बाद ममता बनर्जी का नाम है जिन्हें 6 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद का मुख्यमंत्री बताया है. ममता बनर्जी के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्थान है जिन्हें 4 फीसदी वोट मिले हैं. सिलसिलेवार देखें तो मुख्यमंत्रियों में नंबर एक पर योगी आदित्यनाथ, दो पर नीतीश कुमार, तीन पर देवेंद्र फडणवीस, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक, नंबर चार पर जगन मोहन रेड्डी, नंबर पांच पर ममता बनर्जी और छह पर अशोक गहलोत हैं.

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आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने इस सर्वे के लिए 12,126 लोगों से साक्षात्कार किया, जिसमें 67 फीसदी ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी लोग शामिल थे. इस सर्वे में देश के 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया. उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजधानी दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह सर्वे कराया गया. यह सर्वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने से पहले कराया गया था.

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