न संधि, न शर्त...दुश्मन के दांत खट्टे कर लौटे जांबाज अभिनंदन

Abhinandan returns विंग कमांडर अभिनंदन वापस लौट आए हैं. 27 फरवरी को वह पाकिस्तानी एयरफोर्स को जवाब देते हुए उसकी सरहद में जा पहुंचे थे, जिसके बाद आज उनकी वापसी हुई है.

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Wing Commander Abhinandan Varthaman Wing Commander Abhinandan Varthaman

जावेद अख़्तर

  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की वतन वापसी हो गई है. पूरा देश इसका जश्न मना रहा है. 27 फरवरी को जब पाकिस्तान के फाइटर विमान भारतीय वायुसीमा में घुसे, तो उन्हें खदेड़ते हुए अभिनंदन दुर्घटना का शिकार हो गए और पैराशूट से LoC पार पाकिस्तान की सरहद में जाकर गिर गए. लेकिन अब वह बिना किसी शर्त या संधि के सकुशल अपने देश लौट आए हैं.

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पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय एयरफोर्स ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों को टारगेट किया था. इसके अगले ही दिन बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के राजौरी में घुसकर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें खदेड़ दिया और भारतीय सीमा में कोई नुकसान नहीं हुआ.

हालांकि, इस दौरान भारत का मिग-21 विमान और पायलट अभिनंदन लापता हो गए. पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय पायलट अभिनंदन उनकी हिरासत में है. इस खबर के बाद भारत में अभिनंदन को वापस करने की मांग जोर से उठने लगी. भारत सरकार ने भी पाकिस्तान उच्चायुक्त को तलब कर चेता दिया कि उनके जवान को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए और जल्द ही उनकी वापसी सुनिश्चित की जाए.

दूसरी तरफ भारत ने दुनिया के तमाम मुल्कों से संवाद किया और कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को आईना दिखाने का काम किया. इसका नतीजा ये हुआ कि 28 फरवरी की दोपहर संसद के साझा सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान कर दिया कि पायलट अभिनंदन को शुक्रवार को रिहा किया जाएगा.

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ये ऐलान करते हुए इमरान खान ने कोई शर्त नहीं रखी. उन्होंने कहा कि शांति की दिशा में यह कदम अहम है. हालांकि, पहले ये कहा जा रहा था कि जिनेवा कंवेन्शन के तहत पाकिस्तान अभिनंदन को अपनी कैद में नहीं रख पाएगा. हालांकि, जिनेवा संधि तब लागू होती है जब दो देश आपस में जंग का ऐलान कर देते हैं. जबकि अभी तक भारत और पाकिस्तान ने जंग की घोषणा नहीं की है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के युद्ध में न होने के चलते अभिनंदन की रिहाई जिनेवा संधि के तहत नहीं कही जा सकती है. इस हिसाब से भारत अपने जांबाज विंग कमांडर को बिना किसी संधि या पाकिस्तान की शर्त के खैरियत के साथ अपनी धरती पर वापस लाने में कामयाब रहा है.

विंग कमांडर अभि‍नंदन को अपना सेल्यूट, संदेश यहां पोस्ट करें

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