CJI ने सीबीआई को घेरा, कहा- राजनीतिक मामलों में खरी नहीं उतरती आपकी जांच

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मंगलवार को सीबीआई पर तंज कसते हुए कहा कि जब मामला राजनीति से जुड़ा नहीं होता तो सीबीआई अच्छा काम करती है. लेकिन राजनीति से जुड़े संवेदनशील मामले में उनकी पड़ताल न्यायिक जांच के मानकों को पूरा नहीं कर पाती.

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई ने मंगलवार को सीबीआई पर तंज कसते हुए कहा कि जब मामला राजनीति से जुड़ा नहीं होता तो सीबीआई अच्छा काम करती है. लेकिन राजनीति से जुड़े संवेदनशील मामले में उनकी पड़ताल न्यायिक जांच के मानकों को पूरा नहीं कर पाती.

हाई प्रोफाइल मामलों में दोषी को सजा दिलाने में नाकाम रहने को लेकर भी सीजेआई ने सीबीआई को जमकर घेरा. डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर के 18वें संस्करण में सीजेआई ने मंगलवार कहा कि सीबीआई की अपनी एक खास जगह है. लेकिन उनकी नाकामी ने ध्यान ज्यादा खींचा है. चीफ जस्टिस ने सीबीआई में असमानता को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि एक्जीक्यूटिव में 15 फीसदी पद खाली हैं. जबकि सीबीआई की टेक्निकल यूनिट में भी 28 प्रतिशत पदों पर भर्तियां नहीं हुईं.

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एजेंसी के लीगल डिपार्टमेंट में भी 50 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं. इससे काम का भार बढ़ता जा रहा है. सीजेआई ने कहा कि राजनीतिक प्रभाव के कारण जांच प्रभावित होती है. सीबीआई में पर्याप्त निवेश नहीं हो पा रहा है, जिससे जांच पर असर पड़ता है. सीजेआई ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा क्यों होता है कि जब कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं होता तो सीबीआई अच्छा काम करती है.

सुप्रीम कोर्ट ने विनीत नारायण मामले में सीबीआई डायरेक्टर के पद के लिए गाइडलाइंस जारी की थी. इन सभी कारणों से सीबीआई की स्वायत्तता पर बुरा असर पड़ रहा है. गोगोई ने आगे कहा, सीबीआई की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए न्यायपालिका लगातार कोशिश कर रही है. सीबीआई को राजनीतिक प्रभाव से बचाने के लिए अदालतों ने कई गाइडलाइंस जारी की हैं. उन्होंने कहा कि CBI को सीएजी की तरह सांविधिक अधिनियम के जरिए स्वायत्तता मिलनी चाहिए.

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