आरबीआई गवर्नर के मुताबिक डोसा महंगा होने के पीछे तवा है जिम्मेदार

एक सवाल के जवाब में राजन ने इसके पीछे तवे पर डोसा बनाने की परंपरागत तकनीक को जिम्मेदार ठहराया है. राजन ने केरल में फेडरल बैंक के कार्यक्रम में एक इंजीनियरिंग छात्रा द्वारा इस बारे में सवाल पूछने पर कहा.

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आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन

सूरज पांडेय

  • केरल,
  • 14 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:14 AM IST

आरबीआई द्वारा महंगाई पर लगाम लगाने के तमाम दावों के बावजूद दक्षि‍ण भारत की मशहूर डिश डोसा इतना महंगा क्यों है? आपके लिए शायद ये सवाल मायने ना रखता हो, लेकिन इस सवाल पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने जो बयान दिया है उससे जरूर आपका वास्ता हो सकता है.

हाल ही एक कार्यक्रम के दौरान इस सवाल के जवाब में राजन ने इसके पीछे तवे पर डोसा बनाने की परंपरागत तकनीक को जिम्मेदार ठहराया है. राजन ने केरल में फेडरल बैंक के कार्यक्रम में एक इंजीनियरिंग छात्रा द्वारा ये सवाल पूछने पर कहा, 'वास्तव में डोसा बनाने की तकनीक नहीं बदली है. जानते हैं, आज भी व्यक्ति इसे (चावल का घोल) तवे पर डालता है, फैलाता है और उस पर मसाला डालकर तैयार कर उसे रखता है. इस काम में कोई तकनीकी सुधार नहीं हुआ है. हालांकि, डोसा बनाने वाले व्यक्ति की पगार विशेषकर केरल जैसे राज्य में लगातार ऊंची होती जा रही है.'

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दाम बढ़ते तो हैं, कम नहीं होते
कार्यक्रम के दौरान छात्रा ने राजन से पूछा था, 'असल जीवन में, डोसा की कीमतों पर मेरा एक सवाल है, जब मुद्रास्फीति बढ़ती है तो डोसा के दाम भी बढ़ते हैं. लेकिन जब मुद्रास्फीति नीचे आती है तो डोसा की कीमत नीचे नहीं आती. हमारे प्रिय व्यंजन डोसा के साथ ऐसा क्यों होता है.'

राजन ने अपने जवाब में आगे कहा, 'कामगारों का उपयोग कई ऐसे उत्पादक क्षेत्रों में किया जा सकता है जहां उत्पादकता काफी बढी है, जैसे फैक्टरी का काम, बैंकिंग आदि. वहीं बैंक क्लर्क तकनीक की वजह से कहीं ज्यादा लोगों को सेवाएं दे पा रहा है.'

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