कैलाश विजयवर्गीय बोले- बंगाल में लागू होगा NRC, पाकिस्तानी हिंदू भी रहेंगे

पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लेकर सियासी जुबान जंग तेज हो गई है. बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में सरकार बनने के बाद अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जाएगा, लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू यहां रहेंगे.

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कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो) कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:18 PM IST

पश्चिम बंगाल में नेशनल सिटिजन रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर सियासी जुबान जंग तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में सरकार बनने के बाद अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जाएगा.

विजयवर्गीय ने कहा कि हम जल्द ही संसद में नागरिक संशोधन विधेयक पेश करेंगे और इसके आधार पर एनआरसी पर जांच शुरू होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू रह सकेंगे और बाकी अवैध प्रवासियों को बाहर किया जाएगा.

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बंगाल में भाजपा के रणनीतिकार विजयवर्गीय ने कहा कि हमारी सरकार बंगाल में एनआरसी लागू करेगी और उसके बाद एक भी हिंदू को बंगाल नहीं छोड़ना पड़ेगा. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का नाम लिए बिना अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कुछ पार्टियां और उनके नेता एनआरसी पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

विजयवर्गीय ने कहा कि ये लोग (टीएमसी नेता) एनआरसी के नाम पर लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी को लागू किया जाएगा लेकिन किसी भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा. प्रत्येक हिंदू को नागरिकता दी जाएगी.'

बता दें कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लेकर बवाल जारी है . टीएमसी और बीजेपी लगातार एक दूसरे पर बयानों के तीर छोड़ रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर एक 'फर्जी अभियान' के जरिए अफरातफरी पैदा करने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया था.

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उन्होंने दावा किया था कि इसके चलते राज्य में 6 लोगों की मौत हो गई. ममता ने कहा था, 'अफरातफरी पैदा करने के लिए भाजपा को शर्म आनी चाहिए. इसके चलते 6 लोगों की मौत हो गई है. मुझ पर भरोसा रखें, मैं बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी.'

उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी की कभी इजाजत नहीं देगी. इसी क्रम में उन्होंने आगे कहा कि असम में यह इसलिए हो पा रहा है, क्योंकि एनआरसी की सूची 1985 के असम समझौते के कारण अनिवार्य थी, नहीं तो ऐसी कोई भी प्रक्रिया देश में कहीं और नहीं हो सकती है.

इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से कहा कि वे अपने नाम मतदाता सूची में अंकित कराएं, क्योंकि इसे अपडेट करने की प्रक्रिया जारी है. नेताजी इंडोर स्टेडियम में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रोपोगेंडा के तहत 'फर्जी अभियान' के माध्यम से कह रही है कि वह बंगाल में भी एनआरसी सूची लेकर आएगी.

उन्होंने कहा, 'बंगाल छोड़ो, एनआरसी किसी और राज्य में भी नहीं आ सकता. एनआरसी 1985 के असम समझौते के कारण अनिवार्य थी. सिर्फ किसी ने कह दिया कि ऐसा होगा, इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा होगा ही. उन्हें एनआरसी की जरूरत अपने राजनीतिक प्रोपोगेंडे के लिए है.'

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