बंगाल में बवाल, पूर्वी मिदनापुर में BJP कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प

आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के प्रचार वाहन को रोक दिया. इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता, टीएमसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने लगे और जाम लगा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जाम हटवाने की कोशिश की तो बीजेपी समर्थक भड़क गए.

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बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प (IANS) बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प (IANS)

इंद्रजीत कुंडू

  • कोलकाता,
  • 08 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

पश्चिम बंगाल में एक बार फिर पुलिस और भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों में झड़प की खबर है. पूर्वी मिदनापुर के पाटशपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा रोकने पर यह बवाल हुआ. बीजेपी कार्यकर्ता आगामी 9 अगस्त को 'सिंडिकेट राज' के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन का प्रचार कर रहे थे.आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के प्रचार वाहन को रोक दिया. इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता, टीएमसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने लगे और जाम लगा दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जाम हटवाने की कोशिश की तो बीजेपी समर्थक भड़क गए. इसके बाद झड़प हुई. दो पुलिसकर्मी और छह बीजेपी कार्यकर्ता घायल बताए जा रहे हैं.

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बवाल तब और बढ़ गया जब पुलिस प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन करते बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की. बीजेपी कार्यकर्ता तृणमूल कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने रास्ते को भी जाम कर दिया था. बाद में पुलिस ने रास्ता खुलवाया, इतने में बीजेपी कार्यकर्ता उनसे भिड़ गए. पुलिस की चार गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस झड़प में दो पुलिसकर्मी और छह बीजेपी कार्यकर्ता घायल हैं.

पश्चिम मिदनापुर जिले में पिछले सोमवार सुबह तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के घर के पास उनका शव मिला था. पुलिस ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नारायणगढ़ में ब्लॉक के तृणमूल नेता गणेश भुइंया का शव सड़क किनारे झाड़ियों से बरामद किया गया. उनके शरीर पर चोट के निशान थे. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हत्या के पीछे 'बीजेपी समर्थित असामाजिक तत्वों का' हाथ है.

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जिले के एक तृणमूल नेता ने कहा, "बीजेपी बंगाल में हिंसा और खून की राजनीति कायम करना चाहती है. वे क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए हत्याओं, लूट, बर्बरता और आगजनी का सहारा ले रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस अभी भी हर संभव तरीके से लोकतांत्र की रक्षा करने की कोशिश कर रही है." यह घटना हुगली जिले के वांडर रेलवे स्टेशन में एक तृणमूल नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने के दो दिन बाद हुई थी.

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