असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू होने के बाद एक ओर जहां केंद्र की मोदी सरकार देशभर में इसे लागू करने की बात कह रही है तो असम के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सुर लगातार इसके खिलाफ है और इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से जोर देकर कहा है कि एनआरसी बंगाल में लागू नहीं होगा.
एनआरसी के विरोध में बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कोई भी उनके राज्य से किसी को बाहर नहीं कर सकता. बंगाल को एनआरसी की जरूरत नहीं है और हम इसे यहां पर लागू होने नहीं देंगे. उन्होंने आगे कहा, 'मैं सभी धर्मों में विश्वास करती हूं और किसी भी नागरिक को अपनी जगह छोड़ने की जरूरत नहीं होगी, चाहे वह बंगाली हो या फिर किसी अन्य धर्म का.'
ममता बनर्जी ने आगे कहा, 'अपने देश में रहने का यह हमारा संवैधानिक अधिकार है, जब हम यहां पर वोट कर सकते हैं. बंगाल शांति की जगह है और एनआरसी उस शांति को भंग कर देगी. मैं इसका पुरजोर विरोध करती हूं. हमारी सरकार आपके साथ थी और हमेशा आपके साथ ही रहेगी.'
केंद्र की मोदी सरकार असम में एनआरसी लागू किए जाने के बाद लगातार यह कह रही है कि देश में एनआरसी लागू किया जाएगा .
एनआरसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि ने हम एनआरसी ला रहे हैं, उसके बाद हिंदुस्तान में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं देंगे. उन्हें चुन-चुनकर बाहर करेंगे. बीजेपी सरकार एनआरसी के पहले सिटिजन अमेंडमेंट बिल लाने वाली है.
पहले भी कर चुकीं हैं विरोध
इससे पहले भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि एनआरसी बंगाल में लागू नहीं होगी. किसी को भी बंगाल से बाहर नहीं किया जाएगा. जो लोग बंगाल में इतने सालों से रह रहे हैं, वे यहीं रहेंगे. सीएम ममता ने कहा कि बीजेपी इसे एक राजनीतिक हथियार के तौर पर बढ़ावा दे रही है.
पिछले महीने 12 सितंबर को ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी के खिलाफ कोलकाता में रैली निकाला और केंद्र सरकार को आगाह किया कि वह एनआरसी के नाम पर आग से नहीं खेले. इस दौरान केंद्र सरकार पर निशान साधते हुए सीएम ममता ने कहा कि आप अपनी पुलिस का उपयोग करके असम की तरह बंगाल का मुंह बंद नहीं कर पाएंगे.
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