प्रशांत किशोर से मुलाकात को ममता ने बताया आंतरिक मुद्दा

लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हो चुके हैं और देश के राज्य राजनीतिक तौर पर खामोश हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल देश का एक ऐसा राज्य है जहां अभी भी राजनीतिक हलचल तेज है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच तकरार अभी भी जारी है. ताजा मामले में ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात सुर्खियों में बनी हुई है.

Advertisement
ममता बनर्जी ममता बनर्जी

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 07 जून 2019,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हो चुका है और देश के राज्य राजनीतिक तौर पर खामोश हैं. लेकिन पश्चिम बंगाल देश का एक ऐसा राज्य है जहां अभी भी राजनीतिक हलचल तेज है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच तकरार अभी भी जारी है. ताजा मामले में ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात सुर्खियों में बनी हुई है.

Advertisement

तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने गुरुवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की. किशोर पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ राज्य सचिवालय गए. उनकी मुख्यमंत्री के साथ बैठक करीब 90 मिनट तक चली. हालांकि इस मुलाकात को लेकर बनर्जी ने कुछ कहने से साफ इनकार कर दिया. ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं उस पर बात नहीं करूंगी, यह एक आंतरिक मुद्दा है.'

इसके अलावा ममता बनर्जी ने नीती आयोग के साथ प्रस्तावित बैठक में जाने से भी इनकार कर दिया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकेत दिया है कि वह 15 जून को प्रस्तावित नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेंगी. ममता ने कहा, 'यह पत्र (15 जून को NITI Aayog की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बारे में उन्हें सूचित करने वाला पत्र) मुझे पहले भी मिला था. योजना आयोग NITI Aayog से अधिक प्रभावी था. यह अधिक सफल होता. योजना आयोग को वापस लाया जाना चाहिए.'

Advertisement

वहीं आम चुनाव में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की बंगाल रैली के दौरान ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई थी. जिसको लेकर ममता ने कहा, '11 बजे दोपहर 1.30 बजे ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा बदली जाएगी.'

बता दें कि इस बार के आम चुनाव में 42 लोकसभा सीटों में से तृणमूल कांग्रेस ने 22 और बीजेपी ने 18 सीटें जीती थी. तृणमूल को 2014 के मुकाबले जहां 12 सीटें कम मिलीं, वहीं बीजेपी ने 16 सीटों का इजाफा किया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement