वायरल टेस्ट : पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की सड़कें क्या वाकई हैं इतनी बदहाल?

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एक एसयूवी कई फीट नीचे गड्ढे में जा गिरी. इस तस्वीर को लोगों ने वाराणसी से जोड़ दी. तस्वीर के साथ तंज भी कसा गया.

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एक्सप्रेस वे पर एसयूवी कई फीट नीचे गड्ढे में जा गिरी एक्सप्रेस वे पर एसयूवी कई फीट नीचे गड्ढे में जा गिरी

बालकृष्ण / खुशदीप सहगल / देवांग दुबे गौतम

  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को यूपी के विकास के चेहरे की एक पहचान माना जाता है. बुधवार को इसी एक्सप्रेस वे पर सड़क धंसने से हादसा हुआ जिसमें एक एसयूवी कई फीट नीचे गड्ढे में जा गिरी.

हादसे की खबर फैलते ही इसकी तस्वीरें सामने आईं. इसके साथ ही सड़क धंसने के एक और हादसे की तस्वीर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से शेयर की जाने लगी. साथ ही दावा भी किया जाने लगा कि ये तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से है.

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तस्वीर के साथ तंज भी कसा गया कि सड़क के बीचों-बीच विश्व का पहला अंडर ग्राउंड क्रिकेट स्टेडियम बन कर तैयार है. क्या वाकई प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र की सड़क का इतना बुरा हाल है? इंडिया टुडे की वायरल टेस्ट टीम ने तस्वीर का सच जानने के लिए पड़ताल की.   

तस्वीर की खोजबीन शुरू की तो पता चला कि  इसे कांग्रेस आईटी  सेल की हेड दिव्या स्पंदना ने 7 अगस्त 2017  को ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि यह तस्वीरें अहमदाबाद शहर की है. अहमदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन (AMC) ने भी माना है कि तस्वीर अहमदाबाद की ही है. 

दिव्या स्पंदना ने गड्ढे की जो तस्वीर ट्वीट की है उसमें में एक जगह बैरिकेड पर अंग्रेजी के साथ गुजराती में  'AMC' लिखा हुआ भी दिख रहा है.

बता दें कि इसी तस्वीर को दिव्या स्पंदना से एक करीब हफ्ता पहले 29 जुलाई 2017 को गुजरात कैडर से आईपीएस ऑफिसर संजीव भट्ट ने भी ट्वीट किया था. भट्ट ने भी इस तस्वीर को अहमदाबाद का ही बताया था. अहमदाबाद में इंडिया टुडे संवाददाता गोपी घांघर ने तस्वीर के बारे में बताया कि जिस जगह सडक में ये गड्ढा हुआ था वो अहमदाबाद में  स्वास्तिक चार रास्ता के पास है. पिछले साल जुलाई में भारी बारिश होने के बाद सड़क धंस गई थी.

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सड़क के गड्ढों का इस्तेमाल खूब होता है विरोधियों पर कीचड़ उछालने के लिए

सोशल मीडिया पर कहीं की तस्वीर को कहीं का बता दिया जाता है. पिछले ही साल अगस्त में कर्नाटक बीजेपी आईटी  सेल ने  मुंबई की सड़को के गड्ढों को बेंगलुरु का बता कर ट्वीट कर दिया था.

दिलचस्प बात ये है कि इसी तस्वीर को तेलंगाना के कांग्रेस अध्यक्ष ने हैदराबाद का बता कर ट्वीट कर दिया था. Boom Live ने इस तस्वीर की असलियत का पर्दाफाश किया था.

राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधने के लिए ही सड़कों पर गड्ढों की तस्वीरों का इस्तेमाल होता है, ऐसा भी नहीं है. सड़कों पर गड्ढों से देशभर में हर साल कई कीमती जानें जाती है. सडक परिवहन और राजमार्ग  मंत्रालय के मुताबिक 2016 में देश में 2324 लोगों की मौत ऐसे सड़क हादसों में हुई जो गड्ढों की वजह से हुए थे.

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