अमेरिका पड़ा नरम! ईरान से तेल खरीदने पर भारत को मिल सकती है राहत

अमेरिका एक ओर ईरान पर अपना सख्त रवैया बरकरार रखे हुए है और उसके साथ तेल की खरीद को शून्य के स्तर तक लाने की कोशिशों में जुटा है तो वह भारत को इस तेल निर्यातक देश के साथ तेल आयात करने के मामले पर राहत दे सकता है.

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PM मोदी और US राष्ट्रपति ट्रंप (फाइल फोटो-AP) PM मोदी और US राष्ट्रपति ट्रंप (फाइल फोटो-AP)

सुरेंद्र कुमार वर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

अमेरिका एक ओर ईरान पर अपना सख्त रवैया बरकरार रखे हुए है और उसके साथ तेल की खरीद को खत्म करने की कोशिशों में जुटा है. लेकिन वह भारत को ईरान से तेल खरीदने के मामले पर राहत दे सकता है.

अमेरिका ने कहा कि अमेरिका ईरान के तेल की अंतरराष्ट्रीय खरीद को शून्य करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका उन देशों को छूट देने के लिए 'आंतरिक प्रक्रिया' के बीच में है जिन्होंने ईरान के तेल की खरीद में उल्लेखनीय कटौती की है.

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने कहा कि हम ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति को लागू करने को लेकर दृढ़ संकल्प हैं. यह हमारी रणनीति है. हम उन देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं जो ईरान के साथ तेल आयात पर कमी कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य ईरान के साथ तेल के आयात को जल्द से जल्द जीरो के स्तर पर लाना है.

हालांकि अमेरिका की ओर से इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि वह किन-किन देशों के बारे में विचार कर रहा है. अमेरिका ने भारत और अन्य देशों से चार नवंबर तक ईरान से तेल आयात में कटौती कर उसे समाप्त करने या प्रतिबंधों का सामना करने के लिए तैयार रहने की बात कही थी. मई में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अलग होते हुए इस खाड़ी देश पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया था.

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भारत को छूट की आस

इस बीच, भारत की ओर से कहा गया कि ईरानी तेल आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध के मुद्दे पर वह अमेरिका, ईरान सहित अन्य पक्षकारों के साथ संपर्क में है. इसी बीच इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप सरकार इस प्रतिबंध से भारत को छूट दे सकती है.

एक दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सरकार को अमेरिका की ओर से ऐसा कुछ सुनने को नहीं मिला है. अमेरिका ने भारत और अन्य देशों से चार नवंबर तक ईरान से तेल आयात में कटौती कर उसे समाप्त करने या प्रतिबंधों का सामना करने के लिए तैयार रहने की बात कही थी.

रवीश कुमार ने कहा, 'जहां तक अमेरिका का सवाल है तो वे इस बात से अच्छी तरह अवगत हैं कि हमारी घरेलू वृद्धि को बनाए रखने के लिहाज से तेल हमारे लिए कितना अहम है. ऊर्जा क्षेत्र को किसी तरह के प्रभाव से दूर रखने के लिए हम अमेरिका और अन्य पक्षों के साथ लगातार संपर्क में हैं.'

इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि संभवत: भारत, ईरान से कच्चे तेल का आयात पूरी तरह से नहीं रोकेगा. मई में अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अलग होते हुए इस खाड़ी देश पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया था. इराक और सऊदी अरब के बाद सबसे अधिक ईंधन का आयात ईरान से होता है.

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कच्चे तेल खरीद में कटौती करेगा भारत!

सूत्रों के मुताबिक भारत ईरान से अपने कच्चे तेल खरीद में कटौती कर सकता है. भारत ईरान से कच्चे तेल की खरीद को 2017-18 में 2.26 करोड़ टन सालाना (4.52 लाख बैरल प्रति दिन) से 1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष (3 लाख बैरल प्रति दिन) तक सीमित करने के लिए तैयार है.

रवीश कुमार ने कहा कि अमेरिका ने भारत के इस कदम पर खुशी जताई है। वह भारत को कच्चा तेल खरीदने के लिए छूट दे सकता है. हालांकि इसका भुगतान एस्क्रो खाते में किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल ईरान, भारत से खरीदारी करने में कर सकता है.

सूत्रों ने कहा कि अभी तक इस अंतिम फैसला नहीं हुआ है और पांच नवंबर को लागू होने वाले प्रतिबंध से ठीक कुछ समय पहले समझौते की घोषणा हो सकती है.

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