उपहार कांड पीड़ित एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है कि सुशील अंसल ने अपने पासपोर्ट को रिन्यू कराने के लिए न सिर्फ गलत जानकारियां दी हैं, बल्कि कुछ जानकारियों को छुपाया भी है. नीलम कृष्णमूर्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और पासपोर्ट ऑफिस को नोटिस जारी किया है. सभी पक्षों को इस मामले में 3 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से पहले कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना होगा.
नीलम कृष्णमूर्ति की लगाई याचिका के मुताबिक, सुशील अंसल ने पिछले 21 सालों के दौरान किसी भी कोर्ट से कोई भी एनओसी नहीं ली है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी अपने केस की सुनवाई के दौरान साल 2009 से 2015 के बीच भी सुशील अंसल ने कभी एनओसी नहीं ली. नीलम कृष्णमूर्ति ने अपनी याचिका में सुशील अंसल का पासपोर्ट तुरंत रद्द करने की कोर्ट से गुजारिश की है.
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ पासपोर्ट ऑफिसर को सुशील अंसल की पासपोर्ट ऑफिस में दी गई. अर्जी से जुड़े तमाम दस्तावेज कोर्ट के सामने रखने को कहा है. नीलम कृष्णमूर्ति ने अपनी याचिका में कई गंभीर आरोप लगाए हैं और मांग की है कि पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करके सुशील अंसल के रिन्यू किए गए पासपोर्ट बनवाने में शामिल रहे अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाए.
उपहार सिनेमा हॉल में आग लगने के बाद मारे गए लोगों की तरफ से नीलम कृष्णमूर्ति नहीं 1997 से अब तक इस केस में मुख्य भूमिका निभाई है. नीलम कृष्णमूर्ति इस हादसे में अपने दोनों बच्चों को गंवा चुकी हैं.
इससे पहले नीलम कृष्णमूर्ति ने पासपोर्ट को रद्द करने और सुशील अंसल और पासपोर्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच को लेकर निचली अदालत में भी याचिका लगाई थी. लेकिन निचली अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया. उसके बाद निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए नीलम कृष्णमूर्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिस पर हाईकोर्ट में आज पासपोर्ट ऑफिस समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है.
मोनिका गुप्ता / पूनम शर्मा