Zomato बोला- खाने का धर्म नहीं, उबर ईट्स ने कहा- हम साथ-साथ हैं

ऑनलाइन फूड सर्विस वेबसाइट जोमैटो ने गैर-हिंदू डिलिवरी बॉय से खाना लेने से इनकार करने वाले शख्स को शानदार जवाब देकर देशभर का दिल जीत लिया है. देशभर में जोमैटो के समर्थन में लोग खड़े हैं.

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उबर ईट्स इंडिया उबर ईट्स इंडिया

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

ऑनलाइन फूड सर्विस वेबसाइट जोमैटो ने गैर-हिंदू डिलिवरी बॉय से खाना लेने से इनकार करने वाले शख्स को शानदार जवाब देकर देशभर का दिल जीत लिया है. देशभर में जोमैटो के समर्थन में लोग खड़े हैं. वहीं एक अन्य ऑनलाइन फूड सर्विस वेबसाइट उबर ईट्स इंडिया ने भी जोमैटो के साथ खड़े रहने की बात कही है. उबर इट्स इंडिया ने ट्वीट किया, जोमैटो हम आपके साथ खड़े हैं.

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दरअसल, मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ग्राहक ने जोमैटो के डिलीवरी बॉय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया क्योंकि वह मुस्लिम था. बाद में जोमैटो की तरफ से इस व्यक्ति को करारा जवाब दिया गया. पहले ये जवाब जोमैटो ने अपने ट्विटर अकाउंट से दिया और बाद में जोमैटो के फाउंडर दीपेंद्र गोयल ने भी दिया. जोमैटो ने लिखा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद एक धर्म है.

इसके अलावा दीपेंद्र गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि हम भारत के विचारों और हमारे ग्राहकों-पार्टनरों की विविधता पर गर्व करते हैं. हमारे इन मूल्यों की वजह से अगर बिजनेस को किसी तरह का नुकसान होता है तो हमें इसके लिए दुख नहीं होगा.

यह वाकया मंगलवार रात का है. अमित शुक्ला नाम के ग्राहक ने जबलपुर में जोमैटो को खाने का ऑर्डर किया था. जब शुक्ला ने देखा कि खाना पहुंचाने आया व्यक्ति गैर हिंदू है, तो उसने जोमैटो से दूसरा डिलिवरी बॉय भेजने को कहा. उसने श्रावण माह के कारण गैर हिंदू से खाना न लेने की बात कही.

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अमित का चैट सोशल मीडिया खूब वायरल हो रहा है. शुक्ला ने मंगलवार रात ट्वीट किया, "अभी-अभी मैंने जोमैटो से एक ऑर्डर रद्द किया. उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही ऑर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं. मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. मुझे पैसा वापस नहीं चाहिए, बस ऑर्डर रद्द करो."

अमित ने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट भी साझा किया और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा. जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, "खाने का कोई धर्म नहीं होता है. खाना खुद ही एक धर्म है."

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