दिल्ली स्थित सीपीएम दफ्तर में मंगलवार को दो व्यक्तियों ने घुसकर वामनेता सीताराम येचुरी के साथ हाथापाई करने की कोशिश की थी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन लोगों ने येचुरी के साथ बदसलूकी के साथ-साथ पार्टी के खिलाफ नारे भी लगाए.
बाद में वाम पार्टियों ने यह आरोप लगाया कि ये दोनों लोग राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े हुए हैं. इस मामले पर आज राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने एक प्रेस रिलीज जारी करके साफ किया है कि सीताराम येचुरी के साथ बदसलूकी करने वाले लोगों से आरएसएस का कोई लेना-देना नहीं है और संगठन ऐसे किसी भी तरीके का समर्थन नहीं करता जिसमें हिंसा का प्रयोग हो.
आरएसएस ने अपने बयान में सीताराम येचुरी की भी इस बात के लिए आलोचना की है कि उन्होंने इस घटना में आरएसएस का नाम घसीटा. संगठन ने अपने बयान में कहा कि कि सीताराम येचुरी सहित दूसरे वाम नेता देश में संगठन के बढ़ते प्रभाव से घबरा रहे हैं और इसी वजह से ऐसे मामलों में संगठन का नाम ले रहे हैं.
अपने बयान के आखिर में आरएसएस ने उल्टे लेफ्ट संगठनों पर ही हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है और कहा है कि ऐसे तरीके लेफ्ट के लोग अपनाने हैं और केरला में आरएसएस के स्वंयसेवक इसका शिकार होते हैं.
विकास कुमार