गुवाहाटी में नागरिकता कानून का हिंसक विरोध, पुलिस फायरिंग में दो नाबालिगों की मौत

गुरुवार को असम के गुवाहाटी में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोलीबारी भी करनी पड़ी. इस पुलिस फायरिंग में 17 साल के दो नाबालिग लड़कों की मौत हो गई.

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असम में नागरिकता कानून के खिलाफ लगातार विरोध चल रहा है (फाइल फोटो) असम में नागरिकता कानून के खिलाफ लगातार विरोध चल रहा है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • गुवाहाटी,
  • 13 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

  • गुवाहाटी में नागरिकता कानून का विरोध लगातार जारी
  • गुरुवार को पुलिस फायरिंग में हुई दो नाबालिगों की मौत

गुरुवार को असम के गुवाहाटी में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोलीबारी भी करनी पड़ी. इस पुलिस फायरिंग में 17 साल के दो नाबालिग लड़कों की मौत हो गई.

जानकारी के मुताबिक गुवाहाटी के सैनिक भवन में अस्थायी रूप से काम करने वाला दीपांजल दास (17 वर्ष) अपने किराए के मकान पर वापस लौट रहा था, उस दौरान लतासिल प्लेग्राउंड में नागरिकता कानून के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन चल रहा था. गुरुवार को हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों कलाकार, गायक, अभिनेता, अभिनेत्रियां शामिल थी. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व असमिया गायक जुबीन गर्ग कर रहे थे.

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दीपांजल जब लक्षित नगर पहुंचा तो वहां चल रहे प्रदर्शनकारियों की रैली में शामिल हो गया. जब प्रदर्शन हिंसक हो गया तो मजबूरन पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलानी पड़ीं. पुलिस की गोलीबारी में नाबालिग घायल हो गया जिसके बाद उसे आनन-फानन में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) ले जाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई. दीपांजल छायगांव का रहने वाला था, जो गुवाहाटी से लगभग 40 किलोमीटर दूर है.

दीपांजल के दोस्त सचिन दोस्त सचिन दास ने कहा कि वह आर्थिक रूप से एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था. यहां वह सैनिक भवन में वेटर का काम कर रहा था. लक्षित नगर में यह घटना उस वक्त घटी जब वह लतसिल प्लेग्राउंड में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद वापस घर आ रहा था.

वहीं दूसरी ओर गुरुवार को गुवाहाटी में एक 17 वर्षीय छात्र की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई. असम की राजधानी गुवाहाटी में यह घटना हाटीगांव में गुरुवार शाम करीब 7 बजे घटी. मारे गए छात्र की पहचान जेम्स स्टेनफोर्ड के तौर पर हुई. वह हाटीगांव में अपने परिवार के साथ रहता था.

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हाटीगांव के एक निवासी नुरुल हक ने कहा कि यह घटना उस वक्त घटी जब इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ था. उन्होंने आगे कहा, "जेम्स भी नागरिकता कानून के खिलाफ हो रही विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने गया था वहीं उसे पुलिस फायरिंग के दौरान गोली लग गई. पुलिस की एक गोली उसके गले पर लगी जिसकी वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

जानकारी के मुताबिक जीएमसीएच में दोनों नाबालिगों के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. जिसके बाद दोनों शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 48 घंटों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में सिर्फ गुवाहाटी के भीतर 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं.

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