भारत के सभी एयरपोर्ट को लेकर गृह मंत्रालय ने सिक्योरिटी ऑडिट करवाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. इस ओर खुफिया रिपोर्ट के बाद मंत्रालय ने यह कदम उठाया है. सूत्र बताते हैं कि आने वाले समय में सारे देश के एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को दिया जा सकता है.
बीते पांच अगस्त को हुई उच्च स्तरीय बैठक में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ ही एनएसए अजीत डोभाल, आईबी चीफ, सीआईएसफ और बीसीएएस के अधिकारी मौजूद थे. इस मीटिंग में अलग-अलग अधिकारियों ने एयरपोर्ट सिक्योरिटी को लेकर अपनी-अपनी राय रखी, जिसमें मुख्य रूप से तीन तरह के खतरे को लेकर अंदेशा जताया गया.
खतरा नंबर-1
सिटी अप्रोच साइट. यानी उस एरिया से खतरा हो सकता है, जिसमें बाहर से आने वाले लोग पार्किंग या फिर आस-पास के होटल में ठहरकर खतरा पैदा कर सकते हैं.
खतरा नंबर-2
कार्गो एरिया को सबसे ज्यादा आतंकी खतरा है. इस खतरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं.
खतरा नंबर- 3
हवाईअड्डों को ड्रोन से सबसे अधिक खतरा है. इस बात को लेकर एक नए तरीके की मैकेनिज्म बनाने पर विचार किया जा रहा है.
सुरक्षा के लिए ये उपाय
खुफिया सूत्र बताते हैं कि सिटी अप्रोच साइट में बोल्ड अटैक से बचने के लिए आर्मर्ड व्हीकल की संख्या बढ़ाने पर चर्चा की जा रही है. कार्गो एरिया की सुरक्षा को लेकर बैठक में पेट्रोलिंग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. साथ ही ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाने को लेकर विचार किया जा रहा है.
हालांकि अलग-अलग तरीके की इस ऑडिट टीम पर सिक्योरिटी एजेंसियां काफी बड़े स्तर पर कदम उठा रही हैं. इसके अलावा 20 दिन में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को देगी.
जितेंद्र बहादुर सिंह