मुख्यमंत्री समेत तमिलनाडु के मंत्री इस समय निवेश और अलग-अलग योजनाओं के नाम पर विदेश दौरों का लुत्फ ले रहे हैं. मुख्यमंत्री एडप्पाडी के पलानीस्वामी (EPS) राज्य में सीधे विदेश निवेश के लिए 3 देशों के 2 हफ्ते के आधिकारिक दौरे पर हैं तो उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्री भी अपने-अपने विभाग की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश से बाहर गए हुए हैं.
मुख्यमंत्री एडप्पाडी के पलानीस्वामी अमेरिका, इंग्लैंड और दुबई के दौरे पर हैं तो स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर खुद मुख्यमंत्री के साथ विदेश दौरे पर हैं, तो इनके अलावा 3 अन्य मंत्री भी इस दौरे के दौरान पलानीस्वामी से विदेश में मिलेंगे. मुख्यमंत्री से विदेश में मिलने वाले 3 मंत्री हैं एमसी संपथ (उद्योग मंत्री), आरबी उदय कुमार (राजस्व और आईटी मंत्री) और राजेंद्र भल्लाजी (दुग्ध विकास मंत्री).
शिक्षा के लिए विदेश दौरा
इस साल जनवरी में राज्य के शिक्षा मंत्री केए सेन्गोत्तायन ने ऐलान किया था कि विशेषज्ञों की एक टीम फिनलैंड का दौरा करेगी जो वहां के शिक्षा मॉडल का अध्ययन करेगी और उसे फिर तमिलनाडु में इस्तेमाल करने को लेकर योजना बनाएगी.
शिक्षा मंत्री की ओर से यह घोषणा तब की गई जब राज्य के 50 छात्रों का दल फिनलैंड से शैक्षणिक दौरा कर तमिलनाडु वापस लौटा. शिक्षा मंत्री केए सेन्गोत्तायन और उनकी टीम इस समय फिनलैंड में है और वहां की प्राइमरी स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पर अध्ययन कर रही है.
तमिलनाडु के मंत्रिमंडल में शामिल एक और मंत्री भी इस समय विदेश में हैं. इन मंत्री का नाम है वन मंत्री डिंडिगुल श्रीनिवासन जो अपनी टीम के साथ पहले ही इंडोनेशिया, थाइलैंड और सिंगापुर के लिए रवाना हो चुके हैं. डिंडिगुल श्रीनिवासन की टीम इन देशों से वंडालूर चिड़ियाघर में नाइट सफारी शुरू करने को लेकर बेहतर तकनीक और तरीके पर अध्ययन कर रही है. साथ ही इससे वहां पर्यावरण पर पड़ने वाले असर पर भी अध्ययन किया जा रहा है.
उपमुख्यमंत्री का दौरा अगले महीने
राज्य के सूचना मंत्री कदांबूर राजू भी देश से बाहर हैं. वह ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के संस्थापक एमजीआई की प्रतिमा लेकर मॉरीशस गए हुए हैं. मॉरीशस में यह प्रतिमा सितंबर में स्थापित की जानी है. माना जा रहा है कि अगले महीने एमजीआर की प्रतिमा के अनावरण के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम मॉरीशस जा सकते हैं.
राज्य के पशुपालन मंत्री उडुमलाई के राधाकृष्णन भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरे पर जाने वाले हैं. राधाकृष्णन वहां पर पशुपालन से जुड़े नई तकनीकों और जानवरों से जुड़े अन्य मुद्दों पर अध्ययन करेंगे.
राज्य के मुख्यमंत्री समेत कई अन्य मंत्रियों के विदेश दौरे और प्रस्तावित दौरे विपक्ष के निशाने पर है. इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख एमके स्टालिन इन दौरों को लेकर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जब जयललिता मुख्यमंत्री थीं तब राज्य सरकार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट (जीआईएम) आयोजित की थी और सरकार ने दावा किया था कि राज्य में 2.42 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है. इस सरकार ने भी ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया और दावा किया कि 3 लाख करोड़ का निवेश हुआ है. अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि निवेश आकर्षित करने के लिए वह अमेरिका और इंग्लैंड के दौरे पर जा रहे हैं. मुझे शक है कि यह राज्य के हित के लिए है या फिर पलानीस्वामी के हित के लिए.
हालांकि एआईएडीएमके का विपक्ष के दावे के उलट कहना है कि राज्य सरकार विदेश दौरे के लिए राज्य के हित में बेहतर परिणाम लाने की कोशिश में जुटी है.
अक्षया नाथ