सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार से पूछा है कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद सुनवाई की कार्यवाही को लाइव दिखाने की व्यवस्था करने में कितना वक्त लगेगा. इस मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने रजिस्ट्री से इसकी जानकारी मांगी है. रिपोर्ट के मुताबिक, रजिस्ट्री से जवाब मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट यह फैसला करेगा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे की कार्यवाही को लाइव दिखाया जाए या नहीं.
बता दें, बीजेपी के पूर्व नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक के.एन. गोविंदाचार्य ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है. उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और ऑडियो रिकॉर्डिंग की मांग की है. याचिका के अनुसार, यदि इनमें से कुछ भी नहीं किया जा सकता है, तो कम से कम कार्यवाही की ट्रांसस्क्रिप्ट तैयार कराई जाए, जिसे बाद में ऑनलाइन जारी किया जा सके.
इससे पहले जस्टिस आर.एफ. नरीमन और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने चीफ जस्टिस गोगोई की अगुवाई वाली पीठ को यह मामला सौंप दिया था. अयोध्या भूमि विवाद मामले की वर्तमान में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है.
अपनी याचिका में, गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के फैसले का हवाला दिया कि देश में अदालती कार्यवाही का लाइव स्ट्रीम किया जा सकता है. यह फैसला थिंक टैंक, सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज (सीएएससी) की ओर से दायर याचिका पर आया.
अनीषा माथुर / संजय शर्मा