अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 22वें दिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने पक्ष रखा. राजीव धवन ने मुख्य मामले की सुनवाई से पहले अपनी कानूनी टीम के क्लर्क को धमकी की जानकारी कोर्ट को दी और कहा कि ऐसे गैर-अनुकूल माहौल में बहस करना मुश्किल हो गया है.
इस पर CJI रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के बाहर इस तरह का व्यवहार निंदनीय है. देश में ऐसा नहीं होना चाहिए. हम इस तरह के बयानों की निंदा करते है. CJI रंजन गोगोई ने कहा कि दोनों पक्ष बिना किसी डर के अपनी दलीलें अदालत के समक्ष रखने के लिए स्वतंत्र हैं.
इससे बाद राजीव धवन ने मुख्य मामले पर बहस की शुरुआत की. राजीव धवन ने कहा लिमिटेशन पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि निर्मोही अखाड़ा की लिमिटेशन 6 साल होनी चाहिए थी. 6 साल की अवधि से बचने के लिए निर्मोही अखाड़ा शेवियेट, बिलांगिंग और कब्जे की दलील दे रहा है, जो कि सही नहीं है क्योंकि निर्मोही सिर्फ सेवादार है जमीन के मालिक नहीं हैं.
जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ ने कहा कि निर्मोही अखाड़े द्वारा प्रस्तुत वाद के चलाए जाने की योग्यता के बारे में प्रश्न उठाया जा सकता है. निर्मोही अखाड़ा किस बात को चुनौती दे रहे थे, वह क्या चाहते थे, लेकिन इस मसले को उठाना मेरे लिए सही नहीं होगा.
राजीव धवन ने कहा कि आप अवैधता के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर सकते और उससे लाभ देने की कोशिश नहीं कर सकते. भले ही आप अवैधता पैदा न करें, फिर भी आप उस पर विश्वास नहीं कर सकते. राजीव धवन ने कहा कि ट्रस्टी और सेवादार में अंतर होता है, सेवियत मालिक नहीं होता है.
निर्मोही अखाड़ा अगर समय से पहले यानी 6 साल पहले रिसीवर नियुक्त करने को चुनौती दी होती तो ठीक था, लेकिन निर्मोही अखाड़े ने 6 साल की तय समय सीमा के बाद चुनौती दी. इसलिए निर्मोही अखाड़े का दावा नहीं बनता. ऐसे में इनकी याचिका खारिज की जानी चाहिए.
राजीव धवन ने कहा कि एक ट्रस्ट या ट्रस्टी के विपरीत शेवेट के अधिकार का दावा नहीं कर सकता. 1934 के बाद से मुस्लिमों ने वहां पर प्रवेश नहीं किया, लेकिन जब आप उन्हें प्रवेश नहीं करने देंगे तो वे इबादत कैसे करेंगे. निर्मोही अखाड़े का जो शेवियेट यानी सेवादार का दावा है उसको हम सपोर्ट करते हैं, लेकिन इनका टाइटल राइट नहीं बनता.
अगर निर्मोही अखाड़े को सेवादार का अधिकार है, मान भी लिया जाए कि सेवादार का अधिकार पीढ़ियों तक चलता है तो फिर प्रॉपर्टी का मालिक कौन है, क्या नेक्स्ट फ्रेड को माना जाएगा, फिर निर्मोही अखाड़े को सेवादार से हटाने का डर कैसा, कौन मालिक या ट्रस्टी है. राजीव धवन ने कहा कि शुक्रवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से जफरयाब जिलानी बहस करेंगे उसके बाद फिर से वो बहस करेंगे.
संजय शर्मा