नोटबंदी से 9 लाख गन्ना मजदूर हो रहे परेशान

चीनी मिल से जुड़े हुए कांट्रेक्टर ने बताया कि जो प्रेग्नेंट महिला मजदूर हैं उन्हें छुट्टा पैसा न होने के कारण परेशानी हो रही है. ज्यादातर चीनी मिल का काम कोऑपरेटिव बैंक से होता है. लेकिन कोऑपरेटिव बैंक लोगों से पांच सौ और एक हजार के नोट नहीं ले रहे हैं.

Advertisement
मजदूर परेशान मजदूर परेशान

पंकज खेळकर / अभि‍षेक आनंद

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

नोटबंदी के कारण महाराष्ट्र के नौ लाख गन्ना मजदूरों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. देशभर में अक्टूबर अंत से अप्रैल तक गन्ने से चीनी बनाने का काम शुरू रहता है. लेकिन नोटबंदी की घोषणा के बाद मजदूरों को पैसे कमाना मुश्किल हो गया है.

हकीकत जानने के लिए 'आज तक' की टीम पुणे से सटे यवत इलाके में पहुंची. महिला मजदूर सरला ने अपनी व्यथा सुनाई कि कैसे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है जब से नोटबंदी का निर्णय लिया गया. किराना दुकानदार उधार देने को आना-कानी करता है. दिनभर काम करने के बाद उन्हें रोटी खाना मुश्किल हो गया है.

Advertisement

चीनी मिल से जुड़े हुए कांट्रेक्टर ने बताया कि जो प्रेग्नेंट महिला मजदूर हैं उन्हें छुट्टा पैसा न होने के कारण परेशानी हो रही है. ज्यादातर चीनी मिल का काम कोऑपरेटिव बैंक से होता है. लेकिन कोऑपरेटिव बैंक लोगों से पांच सौ और एक हजार के नोट नहीं ले रहे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement