एमएसएमई मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कन्नौज स्थित फ्रेग्नेंस ऐंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी) के वैज्ञानिकों ने ऐसा ‘दुर्गंधयुक्त बम’ बनाया है, जो आतंकियों और पत्थरबाजों से निपटने के काम आएगा. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह जानकारी दी है.
गिरिराज सिंह ने कहा, 'जब मैं कन्नौज गया था तब विभाग के अधिकारियों ने मुझे बताया था कि उनके वैज्ञानिकों ने जो दुर्गंध वाला बम बनाया, उसका इस्तेमाल किसी घर में छुपे हुए आतंकियों को बाहर निकालने में, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए और पत्थरबाज़ों से निपटने के पैलेटगन की जगह किया जा सकता है.'
उन्होंने कहा, 'मेरे सामने इसका इस्तेमाल किया गया. इसके बाद मैंने पत्र लिखकर सरकार को इसकी जानकारी दी. मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही रक्षा और गृह मंत्रालय इस पर सभी तरह के टेस्ट पूरे कर लेगा. यह देखना होगा कि इसके इस्तेमाल का फायदा हो और कहीं इससे ज्यादा नुकसान न हो. मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द ही इस दुर्गंध बम का इस्तेमाल सेना और पुलिस के ऑपरेशन में किया जाएगा.
गौरतलब है कि खासकर कश्मीर में आबादी के बीच छुपे आतंकियों को बाहर निकालना और पत्थरबाजों से निपटना सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती रही है. अभी तक पत्थरबाजों से निपटने के लिए सुरक्षा बल पैलेट गन का इस्तेमाल करते रहे हैं, जिससे होने वाले नुकसान पर सवाल भी उठाए जाते रहे हैं. कश्मीर के कई पत्थरबाज आतंकवादियों को बचाने और एनकाउंटर की जगह से भाग जाने में मदद करते हैं. जब भी सेना आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन करती है, तो ये आतंकप्रेमी पत्थरबाज पत्थर लेकर आ जाते हैं.
हिमांशु मिश्रा