यौन शोषण के खिलाफ देश में चल रहे #MeToo कैंपेन की चपेट अभिनेता और नेता के बाद अब पूर्व जज भी आ गए हैं. एक महिला वकील ने पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में PIL दायर करते हुए उनपर लगातार यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं.
सोराबजी ने 'आजतक' से बातचीत में इन सभी आरोपों को आधारहीन और झूठा करार दिया है. उन्होंने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि लोगों के खिलाफ आरोप लगाना उनकी (महिला वकील) आदत है और पहले भी वो कई जजों और वकीलों पर ऐसे आरोप लगा चुकी हैं. सोराबजी ने कहा कि वो महिला के खिलाफ कोर्ट नहीं जाएंगे लेकिन उन्हें उसपर तरस जरूर आ रहा है.
पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा कि उस महिला को वो हमेशा से एक जूनियर वकील के तौर पर देखते आए हैं, पता नहीं क्यों महिला ने उनपर ऐसे आरोप लगाए हैं. सोराबजी ने आरोपों को मनगढ़ंत करार दिया है.
सोली सोराबजी के खिलाफ याचिका ऐसे वक्त में दायर की गई है जब केंद्र सरकार में मंत्री एमजे अकबर से लेकर अभिनेता नाना पाटेकर, आलोक नाथ, रजत कपूर, गायक कैलाश खेर, लेखक चेतन भगत तक इन आरोपों का सामना कर रहे हैं. इस कैंपेन के तहत कार्यस्थल से लेकर निजी जगहों पर यौन उत्पीड़न का सामना कर चुकीं महिलाएं खुलआम सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज करा रही हैं.
कैंपेन को ठहराया जायज
सोराबजी ने भी इस #MeToo कैंपेन को सही ठहराते हुए कहा कि अच्छी बात है, क्योंकि इस बहाने महिलाएं खुलकर बोल रही हैं. हालांकि उन्होंने इसमें गलत शिकायतों का अंदेशा जाहिर करते हुए कैंपेन के गलत इस्तेमाल का भी शक जताया है, जिससे किसी की छवि धूमिल हो सकती है.
पूर्व अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जो भी महिलाएं आरोप लगा रही हैं उनसे सबूत के साथ-साथ यह भी पूछा जाए कि वो अबतक क्यों सामने नहीं आईं. अगर ऐसा नहीं होता, तो यह आरोप सिर्फ किसी को छवि को खराब ही कर सकते हैं.
पूजा शाली