स्मृति ईरानी के डिग्री मामले में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से मंगवाया रिकॉर्ड

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का डिग्री विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. पटियाला हाउस से याचिकाकर्ता की अर्जी ख़ारिज होने के बाद अब इसको हाईकोर्ट मे चुनौती दी गयी है. इसलिए अब स्मृति की डिग्री का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा है.

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केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2017,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का डिग्री विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. पटियाला हाउस से याचिकाकर्ता की अर्जी ख़ारिज होने के बाद अब इसको हाईकोर्ट मे चुनौती दी गयी है. इसलिए अब स्मृति की डिग्री का मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा है.

स्मृति पर फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज पेश किए जाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड मंगवाया है.

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हाईकोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई अब 13 सितंबर को करेगा. अहमद खान नाम के व्यक्ति ने पटियाला हाउस कोर्ट में ईरानी के डिग्री संबंधित जानकारी गलत देने का आरोप लगाया था. जिसके बाद पटियाला कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को न सिर्फ खारिज कर दिया था, बल्कि अपने आदेश मे ये भी कहा था कि लगता है कि ये याचिका केंद्रीय मंत्री को तंग करने के मकसद से ही लगाई गई थी.

कोर्ट ने इसमें शिकायतकर्ता की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस मामले की शिकायत करने में 11 साल लग गए यानी जाहिर है कि मंत्री को परेशान करने की मंशा से शिकायत की गई है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड तलब किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी. केंद्रीय मंत्री ईरानी के शैक्षणिक दस्तावेज उस वक्त सवालों के घेरे में आए थे, जब साल 2004 और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया था.

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अलग-अलग जानकारियां देने का अरोप
स्मृति ईरानी पर ये आरोप लगाकर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने अब तक के अपने तीन चुनावी हलफनामों में अपनी शिक्षा को लेकर अलग-अलग जानकारियां दीं.

हालांकि उनके वकीलों की तरफ से कहा गया था कि ये टाइपो एरर था जिसको जानबूझकर बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया.

खान का आरोप है कि स्मृति ने अलग-अलग जगह अपने शैक्षणिक ब्यौरे अलग-अलग दिए. दरअसल साल 2004 और 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में शिक्षा को लेकर दी गई जानकारी आपस में मेल नहीं खा रही है. एक शपथ पत्र में स्मृति ने खुद को बीकॉम बताया है तो दूसरे में बीए बताया है.

स्मृति ने 2004 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे में खुद को डीयू के स्कूल ऑफ कॉरेस्पॉन्डेंस से 1996 बैच का बी.ए. ग्रैजुएट बताया था. इसके बाद साल 2011 में राज्यसभा में नामांकन के लिए दिए गए हलफनामे में उन्होंने खुद को डीयू के स्कूल ऑफ कॉरेस्पॉन्डेंस से बी.कॉम पार्ट-I किया बताया था. लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए दाखिल अपने तीसरे हलफनामे में ईरानी ने बताया कि उन्होंने डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बी. कॉम पार्ट-I किया था.

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