'क्या एक गायक या एक खिलाड़ी को भी चुना जा सकता है AMU का कुलपति?'

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की इस दलील से अलग राय दिखाई कि एक प्रख्यात व्यक्ति को कुलपति चुना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या इसका ये मतलब है कि एक गायक, एक खिलाड़ी या एक संगीतकार को भी इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया जा सकता है?

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर SC में सुनवाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर SC में सुनवाई

खुशदीप सहगल

  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की इस दलील से अलग राय दिखाई कि एक प्रख्यात व्यक्ति को कुलपति चुना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या इसका ये मतलब है कि एक गायक, एक खिलाड़ी या एक संगीतकार को भी इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया जा सकता है?

चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वरा राव ने कहा- क्या किसी को भी, शैक्षणिक पृष्ठभूमि से जुड़ाव नहीं रखने वाले व्यक्ति को भी नियुक्त किया जा सकता है? क्या मानदंड हैं? कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं, कोई पात्रता का मानदंड नहीं, कोई सर्च कमेटी नहीं. कौन नियुक्ति को प्रस्तावित कर सकता है. क्या कोई भी कुलपति बन सकता है?

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बेंच ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन की इस दलील का सख्ती से संज्ञान लिया कि एक प्रख्यात व्यक्ति को कुलपति के लिए शार्टलिस्ट और नियुक्त किया जा सकता है.

रामचंद्रन ने अपनी दलील पर जोर देने के लिए 2000 से 2002 में यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का हवाला दिया जो राजनयिक रह चुके हैं. रामचंद्रन ने कहा कि प्रख्यात व्यक्ति के मापदंड के नाते विशिष्ट नौकरशाह, आर्मी जनरल, राजनयिक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इस पद को संभाल चुके हैं.

बेंच ने इस पर सवाल किया कि क्या एक गायक, एक खिलाड़ी, एक संगीतकार भी कुलपति बन सकता है?

यूनिवर्सिटी का जवाब था कि प्रख्यात व्यक्तियों को इस पद पर चुने जाने की परंपरा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 6 दिसंबर तक स्थगित कर दी. इसका आग्रह मामले में एक पक्ष के वकील की ओर से किया गया था.

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इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि वो इस मामले में अड़ियल रुख नहीं अपनाएगा. केंद्र के मुताबिक वो पहले ही तीन नामों को शार्टलिस्ट करने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज चुका है. केंद्र ने ये भी कहा कि यूनिवर्सिटी की ओर से यूजीसी के नियमों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक्ट के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत नीत नाम राष्ट्रपति को भेजे गए थे. राष्ट्रपति ने इनमें से एक नाम पर कुलपति पद के लिए नियुक्ति पर मंजूरी की मुहर लगा दी. हालांकि यूनिवर्सिटी को अब भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों को अब भी अपनाना बाकी है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जवाब यूनिवर्सिटी के पुरातन छात्र की एक याचिका को लेकर दाखिल किया गया. इस याचिका में जनरल (रिटायर्ड) जमीरुद्दीन शाह की कुलपति के पद पर नियुक्ति को रद्द करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी.

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