दिल्ली व्याख्यान से पहले RSS शुरू करेगा करेगा वैचारिक कुंभ का सिलसिला

दिल्ली में आरएसएस के कार्यक्रम में राहुल गांधी को बुलाने पर खूब चर्चा चल ही रही है, इस बीच खबर आई है कि संघ देश के कई शहरों में बुद्धि‍जीवियों से संवाद के लिए अलग-अलग अवधारणाओं पर आधारित वैचारिक कुंभ का आयोजन करेगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI) प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI)

दिनेश अग्रहरि

  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

राजधानी दिल्ली में सितंबर में मोहन भागवत के लेक्चर सीरीज से पहले आरएसएस देश के कई शहरों में लेखकों और कलाकारों के 'वैचारिक कुंभ' के सिलसिले की शुरुआत करेगा. ये आयोजन वाराणसी, अयोध्या, इलाहाबाद, मुंबई, लखनऊ और वृंदावन में होंगे और अलग-अलग अवधारणाओं पर आधारित होंगे.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, ये कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ संस्कार भारती द्वारा आयोजित किए जाएंगे. अवधारणा के आधार पर ही इनके अलग-अलग नाम होंगे, जैसे- सांस्कृतिक कुंभ, युवा कुंभ, समरसता कुंभ, पर्यावरण कुंभ, समावेशी कुंभ और नारी शक्ति कुंभ.

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गौरतलब है कि आरएसएस 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञानभवन में एक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है, जिसके लिए वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी सहित विपक्ष के कई नेताओं को आमंत्रित कर सकता है. 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत प्रबुद्ध लोगों से संवाद करेंगे.

वैचारिक कुंभ के आयोजकों में कलाकार सोनल मानसिंह, लेखक नरेंद्र कोहली, फिल्म निर्माता सुभाष घई और गायक अनूप जलोटा जैसी हस्तियां शामिल हैं. इनमें आध्यात्मिक गुरुओें के लिए एक खास सत्र होगा जिसमें जग्गी वासुदेव जैसे गुरु शामिल हो सकते हैं. बैठकों में राष्ट्रवाद, बौद्धिक जगत में मार्क्सवादियों का प्रभुत्व, सहिष्णुता, पारिवारिक मूल्य जैसे मसलों पर चर्चा हो सकती है. संघ ने लेखकों, कलाकारों, कवियों, विचारकों और पत्रकारों की एक सूची बनाई है जिन्हें इन आयोजनों के लिए आमंत्रण भेजा जा सकता है.

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RSS के महासचिव सुरेश भैय्याजी जोशी मुंबई में 5 सितंबर को आयोजित ऐसे पहले कुंभ में वह मौजूद रहेंगे. इस कुंभ को 'सांस्कृतिक कुंभ' कहा जाएगा और इसमें खासकर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को बुलाने की कोशिश की जाएगी. इसके बाद लखनऊ में 'युवा कुंभ' और अयोध्या में 'समरसता कुंभ' का आयोजन किया जाएगा. समरसता कुंभ का आयोजन कुंभ मेले के दौरान ही किया जाएगा और इसमें राम राज्य की अवधारणा को बढ़ावा दिया जाएगा.

भारत के समावेशी समाज को दर्शाने के लिए वाराणसी में एक 'समावेशी कुंभ' का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद इलाहाबाद में एक 'पर्यावरण कुंभ' का आयोजन किया जाएगा. इस कुंभ में पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर बात की जाएगी. दिसंबर में वृंदावन में एक 'नारी शक्ति कुंभ' का आयोजन किया जाएगा.

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