बढ़ती गर्मी के बीच जानिए देश के बड़े जलाशयों में पानी का हाल

बढ़ती गर्मी के बीच देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में पिछले सप्ताह के मुकाबले 2 फीसदी की कमी आई है. इन सभी जलाशयों में 52.632 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का भंडार है. यह पानी इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 33 प्रतिशत है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 6:27 AM IST

बढ़ती गर्मी के बीच देश के 91 प्रमुख जलाशयों के जलस्तर में पिछले सप्ताह के मुकाबले 2 फीसदी की कमी आई है. इन सभी जलाशयों में 52.632 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का भंडार है. यह पानी इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 33 प्रतिशत है. यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 133 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल संग्रहण का 102 प्रतिशत है. इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है.

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उत्तरी क्षेत्र के जलाशयों की स्थिति
उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान आते हैं. इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्यूसी) की निगरानी में हैं. इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 4.13 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 23 प्रतिशत है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 25 प्रतिशत थी. पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 30 प्रतिशत था. इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण कमतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी कमतर है.

पूर्वी क्षेत्र के जलाशयों की स्थिति
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं. इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं. इन जलाशयों में कुल उपलब्धक संग्रहण 10.19 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 54 प्रतिशत है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 36 प्रतिशत थी. पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 40 प्रतिशत था. इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है.

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पश्चिमी क्षेत्र के जलाशयों की स्थिति
पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र आते हैं. इस क्षेत्र में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं. इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 11.59 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 43 प्रतिशत है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 22 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 42 प्रतिशत था. इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है.

मध्य क्षेत्र के जलाशयों की स्थिति
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आते हैं. इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं. इन जलाशयों में कुल उपलब्धक संग्रहण 19.54 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 46 प्रतिशत है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 32 प्रतिशत थी. पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 31 प्रतिशत था. इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में संग्रहण बेहतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी बेहतर है.

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दक्षिणी क्षेत्र के जलाशयों की स्थिति
दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश (एपी), तेलंगाना (टीजी), एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं. इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं. इन जलाशयों में कुल उपलब्धण संग्रहण 7.18 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 14 प्रतिशत है. पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की संग्रहण स्थिति 17 प्रतिशत थी. पिछले दस वर्षों का औसत संग्रहण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 27 प्रतिशत था. इस तरह चालू वर्ष में संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए संग्रहण से कमतर है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत संग्रहण से भी कमतर है.

पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है उनमें पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, एपी एवं टीजी (दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं), तेलंगाना शामिल हैं. इसी अवधि के लिए पिछले साल की तुलना में कम भंडारण होने वाले राज्य हैं- हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु.

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