रतन टाटा ने पुरानी विमानन कंपनियों पर ‘एकाधिकार’ का आरेाप लगाया, स्पाइसजेट का पलटवार

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने पुरानी विमानन कंपनियों की आलोचना करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि वे विवादित 5:20 नियम के तहत तरजीही दर्जा हासिल करने के लिए गुटबाजी कर रही हैं और ‘एकाधिकारवादी दबाव’ बना रही हैं. यह नियम नई विमानन कंपनियों को विदेशी उड़ानों से प्रतिबंधित करता है.

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मोनिका शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 1:00 AM IST

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने पुरानी विमानन कंपनियों की आलोचना करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि वे विवादित 5:20 नियम के तहत तरजीही दर्जा हासिल करने के लिए गुटबाजी कर रही हैं और ‘एकाधिकारवादी दबाव ’ बना रही हैं. यह नियम नई विमानन कंपनियों को विदेशी उड़ानों से प्रतिबंधित करता है.

निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह ने इस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए टाटा से कहा है कि इससे अच्छा है कि वे टाटा घराने से जुड़ी दोनों विमानन कंपनियों- विस्तार व एयरएशिया इंडिया- को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति चाहने से पहले भारत में सेवाएं दें.

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सिंह ने आरोप लगाया कि उक्त दोनों विमानन कंपनियों का नियंत्रण एक तरह से विदेशी पैतृक कंपनियों के पास है. उन्होंने कहा कि इन दोनों विमानन कंपनियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय 5.20 नियम का अनुपालन करने की शपथ ली थी, लेकिन अब वे जोरदार ढंग से इस नियम का विरोध कर रही हैं.

उल्लेखनीय है कि टाटा घराना एयर एशिया इंडिया व विस्तार का परिचालन संयुक्त उद्यमों के जरिए करता है और ये कंपनियां फिलहाल 5:20 नियम के तहत अंतरराष्ट्रीय परिचालन करने की पात्रता नहीं रखतीं. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने के परमिट के लिए आवेदन करने से पहले घरेलू कंपनी को पांच साल घरेलू उड़ान का अनुभव और 20 विमानों का बेड़ा होना अनिवार्य है.

सरकार इस समय नयी नागर विमानन नीति को अंतिम रूप दे रही है. इसके तहत एक प्रस्ताव 5:20 नियम को समाप्त करने का भी है.

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