रमाकांत आचरेकर के अंतिम संस्कार पर सियासत, शिवसेना-मनसे खफा

Ramakant Achrekar क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ ना कराने पर शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की है. संजय राउत ने इसको लेकर सचिन तेंदुलकर से अपील भी की है.

Advertisement
Ramakant Achrekar funeral Ramakant Achrekar funeral

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के गुर सिखाने वाले गुरू रमाकांत आचरेकर का निधन दो जनवरी को हुआ. तीन जनवरी को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार हुआ, लेकिन अब शिवसेना नेता संजय राउत ने इस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. संजय राउत ने ट्वीट किया कि पद्मश्री और द्रोणाचार्य जैसे अवॉर्ड पा चुके आचरेकर जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ क्यों नहीं कराया गया.

Advertisement

शिवसेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से भविष्य में सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने को कहा. संजय राउत के अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी ट्वीट कर विरोध दर्ज कराया.

राउत ने ट्वीट किया, “पद्मश्री एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित रमाकांत आचरेकर का अंतिम संस्कार महाराष्ट्र सरकार ने राजकीय सम्मान एवं आदर के साथ क्यों नहीं किया? सरकार ने रमाकांत आचरेकर के प्रति असम्मान दिखाया है. सचिन तेंदुलकर को अब से सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करना चाहिए.”

 

बता दें कि आचरेकर का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते 87 की उम्र में बुधवार को निधन हो गया था. महाराष्ट्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकारी स्तर पर “संवादहीनता” के चलते आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं हो पाया.

Advertisement

प्रसिद्ध क्रिकेट कोच के अंतिम संस्कार के मौके पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले महाराष्ट्र के आवासन मंत्री प्रकाश मेहता ने कहा कि आचरेकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया जाना “दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण” है.

सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, बलविंदर सिंह, चंद्रकांत पंडित, प्रवीण आमरे, संजय बांगर और रमेश पवार जैसे क्रिकेटरों के करियर को आकार देने में उनके उत्कृष्ट योगदान की सरहाना करते हुए शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाना “परेशान करने वाला” एवं “दुखद” है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement