राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत तय मानी जा रही है. हालांकि विपक्ष की ओर से कोविंद के सामने मीरा कुमार की चुनौती है, जिन्हें विपक्षी पार्टियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है. संयोग ऐसा बना है कि राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार दलित वर्ग से हैं. शुक्रवार को रामनाथ कोविंद ने नामांकन दाखिल किया. पीएम मोदी पहले प्रस्तावक बने. इस मौके पर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता मौजूद थे.
शिवसेना तथा जम्मू एवं कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित राजग के पास सांसदों व विधायकों के इलेक्टोरल कॉलेज का 48.93 फीसदी समर्थन है. गठबंधन से बाहर की पार्टियों जैसे तेलंगाना राष्ट्र समिति (2 फीसदी), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (5.39 फीसदी), वाईएसआर कांग्रेस (1.53 फीसदी), बीजू जनता दल (2.99 फीसदी), जनता दल (युनाइटेड) के 1.91 फीसदी मतों को मिलाकर राजग आधा मत आसानी से प्राप्त कर लेगा. ऐसे में कोविंद की जीत तय है.
बता दें कि हालिया दौर में एनडीए बहुत ही मजबूत स्थिति में है. केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ अन्य दलों का समर्थन भी है. 29 में से कम से कम 14 राज्यों में बीजेपी की सरकार है. बीजेपी की मौजूदा दौर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश और असम में सरकार है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश में सहयोगी दलों की सरकार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी का यह स्वर्णिम काल है. पार्टी के पास लोकसभा में 280 सांसद, राज्यसभा में 56 सांसद और विधानसभाओं में 1382 विधायक हैं.
नंदलाल शर्मा