राम मंदिर पर बोले राम माधव, मामला कोर्ट में लेकिन अध्यादेश भी एक ऑप्शन

Ram Madhav on Ram temple and Rahul Gandhi: राहुल गांधी के बारे में राम माधव ने कहा कि स्टालिन को छोड़ दें तो प्रधानमंत्री के लिए उनका नाम कोई नहीं ले रहा, जबकि विपक्ष में 6 लोग प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में हैं.

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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव (फोटो-इंडिया टुडे.इन) बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव (फोटो-इंडिया टुडे.इन)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:49 PM IST

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिलहाल कोर्ट में है लेकिन उनकी पार्टी के लिए अध्यादेश भी एक रास्ता है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक, राम माधव ने कहा, 'अध्यादेश का रास्ता हमेशा खुला है लेकिन मामला अभी कोर्ट में है और 4 जनवरी को इस पर सुनवाई है. हमें उम्मीद है कि अदालत इसे त्वरित ढंग से निपटाएगी. अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम अन्य रास्ते भी तलाशेंगे.'

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राहुल गांधी से जुड़े एक सवाल पर राम माधव ने कहा, 'वे कांग्रेस के नेता हैं इसलिए उनकी पार्टी तय करेगी कि राहुल गांधी का नेतृत्व उनके लिए फायदेमंद रहेगा या नहीं. हम कांग्रेस नेतृत्व पर कैसे टिप्पणी कर सकते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि राहुल गांधी ने पिछले चुनावों में मेहनत की और उन्हें इसमें कामयाबी मिली.'

देश में आजकल बीजेपी विरोधी मोर्चा या गठबंधन बनाने की अटकलें हैं. इस सवाल के जवाब में राम माधव ने कहा, 'गठबंधन की राजनीति हमेशा समझौते की होती है और बीजेपी इसके लिए तैयार है. यह सही है कि कुछ सहयोगी जैसे कि कुशवाहा ने एनडीए छोड़ दिया लेकिन हम नए सहयोगियों को जोड़ रहे हैं, खासकर दक्षिण भारत और पूर्वी भारत में.'

तीन तलाक मुद्दे पर गुरुवार को संसद में बहस होने वाली है. इस पर राम माधव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार का यह सबसे बड़ा फैसला है ताकि समाज में लैंगिक समानता कायम की जा सके. समाज के बड़े तबके यहां तक कि मुस्लिमों ने भी इस कदम का स्वागत किया है. मुस्लिम महिलाओं के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं. मामला संसद में है, इसलिए हमें भरोसा है इस पर सार्थक बहस होगी.

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राहुल गांधी क्या विपक्ष के प्रधानमंत्री का चेहरा होंगे? इसके जवाब में राम माधव ने कहा, 'हालिया चुनावी जीत के बाद राहुल गांधी अगर विपक्ष का चेहरा होते हैं तो महागठबंधन की कोई जरूरत नहीं. आज की तारीख में कोई भी नेता, अपवाद में स्टालिन का नाम छोड़ दें तो महागठबंधन के नेता का नाम नहीं ले रहा. उधर 6 लोग प्रधानमंत्री बनने की कतार में हैं.'

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