राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय में हुई भाषा समस्या तो ढूंढा 'मुलायम फॉर्मूला'

रक्षा मंत्री के तौर पर काम करने के दौरान मंत्रालय में जो समस्या मुलायम सिंह को थी, वही अब राजनाथ सिंह झेल रहे हैं. राजनाथ सिंह ने भी मुलायम वाला फॉर्मूला अपनाते हुए फाइलों को लेकर खास निर्देश दे रखा है.

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रक्षा मंत्रालय में एक बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो- IANS) रक्षा मंत्रालय में एक बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फाइल फोटो- IANS)

aajtak.in / संदीप उन्नीथन

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST

राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्री बने हुए दो महीने हो गए हैं, मगर अब तक रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की एक भी बैठक नहीं हो पाई है. यह असामान्य इसलिए भी है क्योंकि हर महीने यह महत्वपूर्ण बैठक होती है. राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पहली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की अगस्त में बैठक होने की बात कही जा रही है. रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस अहम बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख हिस्सा लेते हैं. डीएसी ही रक्षा मंत्रालय में सौदों की खरीद पर निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी संस्था होती है.

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सूत्र बता रहे हैं कि रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में देरी के पीछे भाषा की समस्या है. दरअसल राजनाथ सिंह चाहते हैं कि अंग्रेजी में तैयार होने वाली फाइलों का हिंदी अनुवाद भी उनके सामने पेश किया जाए. क्योंकि अंग्रेजी के मुकाबले वह हिंदी में खुद को कहीं ज्यादा सहज पाते हैं. यही वजह है कि अब तक वह विभिन्न रक्षा सौदों की फाइलों के अध्ययन में समय लगा रहे हैं.

चर्चा है कि राजनाथ सिंह ने मंत्रालय के अफसरों को आदेश दे रखा है कि जो भी फाइल उनके सामने पेश की जाए, उसका सारांश हिंदी में जरूर रहे. ताकि उन्हें पढ़ने में आसानी हो. रक्षा मंत्री के इस आदेश से ब्यूरोक्रेट इसलिए मुश्किल में हैं, क्योंकि एक फाइल में हजारों पेज होते हैं. ऐसे में इसका हिंदी अनुवाद में बहुत मेहनत का काम है. बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह की इस पहल ने यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के रक्षा मंत्री कार्यकाल की याद दिला दी है. मुलायम सिंह यादव भी जब रक्षा मंत्री थे तो वह महत्वपूर्ण फाइल्स का हिंदी में अनुवाद कराते थे.

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