छात्रों के रेल भाड़े को लेकर राजस्थान और बिहार आमने-सामने आ गए हैं. राजस्थान से बिहार लौटे छात्रों के रेल भाड़े को लेकर बढ़े विवाद पर गहलोत सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि बिहार के छात्रों के रेल भाड़े के पैसे से उनका कोई लेना-देना नहीं है. बिहार सरकार को पैसा लौटाने के लिए केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिखी जाएगी.
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, 'मैं रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखूंगा कि रेलवे ने जो बिहार सरकार से छात्रों को ले जाने के बदले पैसे लिए हैं, वो बिहार सरकार को लौट दे.' दरअसल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट किया था कि राजस्थान सरकार ने एक करोड़ रुपये बिहार सरकार से कोटा के छात्रों को ट्रेन से भेजने के लिए लिया है.
इसका जवाब देते हुए राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. छात्रों को ले जाने के लिए बिहार सरकार ने रेलवे से बात करके ट्रेन चलवाई थी और उसी सरकार ने रेलवे के अकाउंट में पैसे जमा कराए थे. कोटा रेलवे जबलपुर डिविजन में आता है, जोकि मध्य प्रदेश में है. वहां का रेलवे डिवीजन भी राजस्थान सरकार के तहत नहीं आता है.
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राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार देश में इकलौती सरकार है, जो 15 करोड़ रुपये खर्च करके सभी राज्यों के मजदूरों को ट्रेन और बसों से वापस भेज रही है. अगर बिहार सरकार को छात्रों को ले जाने के लिए ट्रेन किराए की जरूरत थी, तो राजस्थान सरकार को बताना चाहिए था. राजस्थान सरकार बिहार के छात्रों के ट्रेन का भी किराया दे देती.
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आपको बता दें कि चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया को जकड़ लिया है. मोदी सरकार ने जानलेवा वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कर रखा है, जिसके चलते लोग अपने घरों के लिए पलायन कर रहे हैं. सभी राज्य सरकारें दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने की लगातार कोशिश कर रही हैं. इसके लिए स्पेशल ट्रेन और बसें चलाई जा रही हैं.
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शरत कुमार