रेलवे ने बदला नियम, फॉर्म भरने के बाद एग्जाम नहीं दिया तो होगा घाटा

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को बताया कि जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होंगे उन्हें पैसा वापस कर दिया जाएगा, लेकिन अनुपस्थित होने वालों छात्रों का आवेदन शुल्क रेलवे रख लेगा. इसके तहत आरक्षित वर्गों को परीक्षा में शामिल होने पर उनका पूरा शुल्क लौटा दिया जाएगा जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 500 में से 400 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. मगर जो परीक्षा में शामिल नहीं होंगे उनका परीक्षा शुल्क जब्त कर लिया जाएगा.

Advertisement
भारतीय रेल भारतीय रेल

केशवानंद धर दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

भारत सरकार का रेलवे ऐसा विभाग है जिसे संचालित करने के लिए बड़े पैमाने पर मानव संसाधन की आवश्यकता होती है. रेलवे अमूमन हर साल लाखों लोगों को भर्ती करता है, लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि जितने उम्मीदवार नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, उतने परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं. उम्मीदवारों की अनुपस्थिति को कम करने के लिए रेलवे नए कदम उठाने जा रहा है. अब जो उम्मीदवार आवेदन करने के बाद परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, उनका आवेदन शुल्क जब्त कर लिया जाएगा.

Advertisement

इस साल रेलवे रिक्तियों को भरने के लिए एक लाख से ज्यादा की भर्तियां करने जा रहा है. इसके तहत 10वीं पास उम्मीदवारों के लिए बड़े मौके हैं. ऑनलाइन होने वाले एग्जाम के लिए एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है, जिसमें इंजीनियरिंग किए हुए उम्मीदवार भी शामिल हैं. मगर अब इन उम्मीदवारों को परीक्षा में न बैठना महंगा पड़ेगा.

क्यों उठाना पड़ा नया कदम

वर्ष 2014-16 के दौरान रेलवे ने विभिन्न श्रेणियों के तहत 52989 रिक्तियों को भरने के लिए परीक्षा का आयोजन किया, जिसके लिए 1.6 करोड़ लोगों ने आवेदन किए. इसके लिए रेलवे ने मार्च 2016 में 351 शहरों और कस्बों में 1192 परीक्षा केंद्र बनाए. रेलवे ने सुव्यवस्थित तरीके से परीक्षा संपन्न कराने के लिए वार रूम बनाए थे, लेकिन परीक्षा के दिन सिर्फ 58 फीसदी उम्मीदवारी ही एग्जाम में शामिल हुए. इसका मतलब है कि 42 फीसदी यानी 68 लाख छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हुए जिससे रेलवे की सारी की सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गई और उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा.

Advertisement

परीक्षा छोड़ना पुरानी बात

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कोई नई प्रवृत्ति नहीं है. परीक्षा छोड़ने का यह चलन पुराना है. रेलवे ने अब छात्रों की अनुपस्थिति को कम करने के लिए आवेदन शुल्क जब्त करने का रास्ता निकाला है. इससे रेलवे को परीक्षा आयोजन पर आने वाले खर्च की भरपाई भी की जा सकेगी.

क्या है नई योजना

रेलवे की योजना सामान्य है. पहले  SC/ST/Ex-Serviceman/PWDs/Female/Transgender/Minorities/ Economically backward class के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं होता था, जबकि अन्य के लिए 250 रुपये निर्धारित होता था. अब इस नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है. इसके तहत रियायत पाने वाले वर्गों के लिए 250 रुपये का और अन्य के लिए 500 रुपये का परीक्षा शुल्क निर्धारित कर दिया गया है.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को बताया कि जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होंगे उन्हें पैसा वापस कर दिया जाएगा, लेकिन अनुपस्थित होने वालों छात्रों का आवेदन शुल्क रेलवे रख लेगा. इसके तहत आरक्षित वर्गों को परीक्षा में शामिल होने पर उनका पूरा शुल्क लौटा दिया जाएगा, जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 500 में से 400 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. मगर जो परीक्षा में शामिल नहीं होंगे उनका परीक्षा शुल्क जब्त कर लिया जाएगा.

परीक्षा को बनाया समावेशी

Advertisement

रेलवे परीक्षा को समावेशी बना रहा है. यह परीक्षा देश की 17 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी. ताकि रेलवे ढांचे में हर क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिले. कमजोर वर्ग के छात्र परीक्षा में शामिल हो सकें इसके लिए उन्हें स्लीपर क्लास में फ्री रेल पास दिया जाएगा. यानी गरीब छात्र परीक्षा देने जाने के लिए स्लीपर में निशुल्क यात्रा कर सकेंगे. साथ ही परीक्षा केंद्रों को गूगल मैप से जोड़ दिया गया है ताकि एग्जाम सेंटर खोजने में सहूलियत हो.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement