पटरी से उतरनी ट्रेनों और रेल यात्रा से जुड़ी तमाम शिकायतों के बीच रेल मंत्रालय ने अपनी खामियां दूर करने की ठान ली है. मंत्रालय ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अब स्लीपर व एसी के तीसरे दर्जे में सफर शुरू करने को कहा है, जिससे आम यात्रियों की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझा जा सके.
आम यात्रियों की तरह यात्रा करेंगे रेल अधिकारी
रेल मंत्रालय ने फैसला किया है कि रेलवे बोर्ड के सदस्य, विभिन्न जोन के जनरल मैनेजर और सभी डिविजनल रेलवे मैनेजर अब स्लीपर और एसी थ्री टीअर में लंबी दूरी की यात्रा के जरिए रेल सेवा का अनुभव करेंगे. ये अधिकारी अभी तक अपने आधिकारिक कार्यों के लिए स्पेशल सलून का इस्तेमाल करते रहे हैं.
यात्री सुविधाओं का होगा आकलन
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पहल का मकसद है कि रेलवे की ओर से यात्रियों को मिल रही सुविधाओं का पता चल सके. भारतीय रेलवे के जनसंपर्क विभाग के डीजी अनिल सक्सेना ने कहा, 'ये निर्णय लिया गया है कि बोर्ड मेंबर्स, जनरल मैनेजर और डीआरएम स्लीपर क्लास में सफर कर रेलवे कोच के हालात का जायजा लेंगे. इसी के साथ स्वच्छता और केटरिंग सुविधा का भी आकलन होगा.'
रेलवे बोर्ड को एक्टिव रहने की सलाह
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा व सुविधाओं पर विशेष जोर दिया है. पदभार संभालते ही लोहानी ने रेल अधिकारियों संग कई बैठकें की और उन्हें ज्यादा से ज्यादा वक्त फील्ड पर गुजारने की सलाह दी, ताकि हालात का बेहतर आकलन किया जा सके. उन्होंने अधिकारियों से सुख-सुविधाएं छोड़कर टीम की तरह काम करने की अपील की है.
रेल मंत्रालय पर आरोपों की झड़ी
रेल मंत्रालय ने ये कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब ट्रेनों और स्टेशनों पर सुरक्षा व स्वच्छता को लेकर मंत्रालय की लगातार आलोचना हो रही है. पिछले कुछ महीनों से ट्रेन हादसे हो रहे हैं, हाल ही में मुंबई के एलफिंस्टन ब्रिज पर मची भगदड़ में 23 लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ट्रेनों में घटिया क्वालिटी का खाना सर्व किया जा रहा है.
सुरभि गुप्ता