ममता बनर्जी की अगुवाई में शनिवार को कोलकाता में विपक्षी दल के नेता जहां केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए आयोजित रैली में शामिल हुए, उसी दिन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर राफेल डील में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया. निर्मला ने विपक्षी दलों की ओर से लगातार किए जा रहे हमलों पर फिर से जवाब दिया और कहा कि विपक्षी राफेल डील पर गलत सूचना फैला रहे हैं, साथ ही यह सवाल भी दागा कि क्या वे कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्विता में कठपुतली बन गए हैं या फिर 36 फाइटर जेट की खरीद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री सीतारमण ने साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से सत्ता में आए हैं तब से किसी भी बिचौलिए को रक्षा मंत्रालय में प्रवेश नहीं करने देने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि हममें से किसी को भी अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट वारफेयर के हाथों में जाए बगैर जितना संभव हो सके, इस मसले के हर पहलू पर विस्तार से बात की जाए. हममें से किसी को भी कॉर्पोरेट वारफेयर का हिस्सा नहीं बनना चाहिए.'
कठपुतली नहीं बन सकते
विपक्षी दलों की आलोचना पर करारा वार करते हुए उन्होंने कहा कि हम सरकार को लगातार परेशान करने और लोगों को गलत सूचनाएं देने के लिए कॉर्पोरेट जगत के धुरंधरों की कठपुतली नहीं बन सकते.
रक्षा मंत्री की ओर से यह हमला उस रिपोर्ट के एक दिन बाद किया गया है जिसमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के 126 की जगह 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने के फैसले में अनिवार्य प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया. और इस कारण हर राफेल जेट की कीमत 41.42 फीसदी बढ़ गई.
इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस एक बार फिर से राफेल डील पर मोदी सरकार पर हमलावर हो गई. कोलकाता में ममता की रैली में भी राफेल डील पर केंद्र सरकार को घेरा गया.
एक दिन पहले चिदंबरम ने घेरा
निर्मला के बयान से एक दिन पहले कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मीडिया में छपी उस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि सौदे में भारतीय वायु सेना की जरूरत के 90 विमान से वंचित करते हुए सरकारी खजाने से दसॉ कंपनी को प्रति विमान पर 186 करोड़ रुपये का मुनाफा पहुंचाया गया. 2015 में 36 जेट लड़ाकू विमान को लेकर दिए गए ऑर्डर में प्रति विमान 41% अधिक कीमत पर समझौता किया गया.
चिंदबरम ने यह भी कहा कि कांग्रेस की राफेल मामले पर जेपीसी जांच की मांग सही है क्योंकि इस मसले पर कोर्ट नहीं बल्कि संसदीय समिति ही सही तरीके से जांच कर सकती है. उन्होंने यह सवाल भी पूछा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायु सेना की 126 विमानों की जरूरतों को खत्म करके सिर्फ 36 राफेल विमान खरीदने का फैसला क्यों लिया?
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