4 बार CM, 1 बार रक्षा मंत्री, संघ से था गहरा नाता... कुछ ऐसा था पर्रिकर का राजनीतिक सफर

गोवा के मुख्यमंत्री का लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया. वो लंबे से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे.

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मनोहर पर्रिकर मनोहर पर्रिकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

गोवा के मुख्यमंत्री का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वो लंबे से अग्नाशय के कैंसरे से पीड़ित थे. ईमानदारी और सादगी के लिए प्रसिद्ध पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे. 2014 में एनडीए सरकार में मनोहर पर्रिकर ने देश के रक्षा मंत्री की भूमिका निभाई. उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताया है. बता दें कि पर्रिकर की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसमंद नेताओं में की जाती थी. इस मौके पर उनके जीवन और राजनीतिक सफर पर एक नजर--

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राजनीतिक सफर

मनोहर पर्रिकर का राजनीति जीवन उपलब्धियों से भरा रहा है. वो चार बार गोवा के सीएम रहे. 14 मार्च 2017 को पर्रिकर चौथी  बार गोवा के मुख्यमंत्री बने. साल 2000-05 में पहली बार, साल 2012-14 दूसरी बार सीएम बने. जब 2014 में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी तो पीएम मोदी ने उन्हें दिल्ली बुलाया, उन्हें सबसे महत्वपूर्ण रक्षा मंत्री का पदभार सम्भाला. रक्षा मंत्री बनने के बाद उन्हें संसद सदस्य बनना जरुरी था और इसके लिए वह यूपी से राज्यसभा सांसद बने.

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IIT मुंबई से ग्रेजुएट, संघ से नाता

पर्रिकर का जन्म साल 1955 में गोवा के मापुसा गांव में हुआ. उन्होंने लोयोला हाई स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की. 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट डिग्री हासिल की. छात्र जीवन से ही मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक में सक्रिय थे. शुरू से ही उनका संघ की ओर झुकाव था. वह पढ़ाई के दौरान संघ की शाखा में जाने लगे थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे और बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और उन्होंने बीजेपी पार्टी की तरफ से पहली बार चुनाव भी लड़ा.

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1994 में पहली बार जीते

1994 में पर्रिकर ने बीजेपी की सीट से गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें इसमें जीत भी मिली. 24 अक्टूबर, 2000 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल करते हुए सत्ता तक पहुंच बना ली और पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि मुख्यमंत्री बनने की खुशी पर्रिकर के लिए ज्यादा समय तक नहीं रह सकी क्योंकि निजी जिंदगी में उनका संघर्ष जारी थी.

पत्नी की भी हुई कैंसर से मौत

इसे विडंबना ही करेंगे कि मनोहर पर्रिकर की पत्नी मेघा का निधन पर कैंसर से हुआ. फरवरी, 2002 में उन्हें यह पद भी छोड़ना पड़ा. जून, 2002 में फिर से वह मुख्यमंत्री बने और फरवरी 2005 तक इस पद पर रहे. 2005 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी 2012 में फिर से सत्ता में लौटी और पर्रिकर एक बार फिर मुख्यमंत्री बने. दिया. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री बनने के लिए नवंबर, 2014 में इस्तीफा दे दिया. हालांकि वह रक्षा मंत्री के रूप में ज्यादा समय तक पद पर नहीं रहे क्योंकि खराब तबीयत का हवाला देते हुए गोवा लौट गए और फिर से मुख्यमंत्री बन गए.

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