मालदीव की दो दिन की यात्रा के बाद 8 जून को कोलंबो जाएंगे PM मोदी

मोदी ने नवंबर 2018 में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए मालदीव की यात्रा की थी. इसके बाद दिसंबर में सोलिह भारत आए थे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

aajtak.in / गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2019,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जून को मालदीव के बाद पड़ोसी मुल्क श्रीलंका जाएंगे. प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी की इन दोनों देशों की पहली यात्रा होगी. मालदीव की संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी अगली यात्रा के दौरान सदन को संबोधित करने का न्योता दिया है. मोदी 7-8 जून को मालदीव की यात्रा पर जाएंगे.

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विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट किया, "मालदीव की संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी आगामी मालदीव यात्रा के दौरान सदन की बैठक को संबोधित करने का न्योता दिया है." गुरुवार को दूसरे कार्यकाल के लिए पद ग्रहण करने के बाद मोदी की मालदीव की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. मालदीव के अखबार एडिशन की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद के स्पीकर चुने गए पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मोदी को मालदीव की संसद को संबोधित करने का न्योता दिया है. मोदी ने नवंबर 2018 में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए मालदीव की यात्रा की थी. इसके बाद दिसंबर में सोलिह भारत आए थे. नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान गए थे.

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस साल मार्च में मालदीव की यात्रा की थी. पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार बनने के बाद सुषमा स्वराज के साथ मालदीव की पहली द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर एक तरह से चीन को संदेश दिया था कि भारत के लिए द्विपीय देशों का महत्व पहले से ज्यादा बढ़ गया है. बीते हफ्ते सोलिह ने नरेंद्र मोदी की जीत पर बधाई दी थी. पिछले साल 5 फरवरी को तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव में आपातकाल लगा दिया था जिसके बाद भारत के साथ उसके संबंधों थोड़े बिगड़ गए थे. भारत ने यामीन के फैसले की कड़ी आलोचना की थी और जल्द से जल्द लोकतांत्रिक सरकार चुने जाने की अपील की थी. सोलिह पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति बनाए गए हैं.

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