स्वच्छता अभियान को लेकर पीएम मोदी ने दिया संदेश

राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान की दूसरी सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को स्वभाव बनाने पर जोर दिया. इसके लिए कई तरह के किस्से सुनाए. विज्ञानभवन में मौजूद लोगों को हंसाया लेकिन गंभीर संदेश भी दिया.

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पीएम नरेंद्र मोदी पीएम नरेंद्र मोदी

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST

राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान की दूसरी सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को स्वभाव बनाने पर जोर दिया. इसके लिए कई तरह के किस्से सुनाए. विज्ञानभवन में मौजूद लोगों को हंसाया लेकिन गंभीर संदेश भी दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि गंदगी से सबको नफरत है लेकिन स्वच्छता को स्वभाव हम नहीं बना पाए, जरूरत इसी की है तभी ये अभियान सफल होगा.

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उन्होंने उम्मीद जताई कि जब से बच्चों और महिलाओं ने साफ-सफाई के इस अभियान की कमान संभाली है तब से उनको ये भरोसा हो गया है कि उनकी कोशिश रंग लाएगी. देश साफ जरूर होगा और लोगों के स्वभाव में सफाई जरूर आयेगी.

स्वच्छता और पेयजल मंत्रालय के साथ शहरी विकास मंत्रालय के साझा कार्यक्रम इंडोसैन यानी इंडिया सैनिटेशन का उद्घाटन करते हुए अपने लगभग 40 मिनट लंबे भाषण में मोदी ने कई व्यावहारिक बातों की ओर सबका ध्यान खींचा. मोदी ने कहा कि अपने 20 साल पुराने स्कूटर को रोज लोग रगड़-रगड़ कर साफ करते हैं भले ही उसका पुर्जा पुर्जा नया लग गया हो सब कुछ घिस गया हो. लेकिन जब बस में बैठते हैं और टाइम पास नहीं होता तो बस की सीट में उंगली घुसा-घुसा कर छेद कर देते हैं. दो घंटे के सफर में तीन इंच का फोम तो जरूर निकाल देंगे, क्योंकि मन में ये रहता है कि स्कूटर अपना और बस सरकार की. ये भावना बदलने की जरूरत है.

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रिसाइकिलिंग और रियूज हमें पश्चिमी देशों से सीखने की जरूरत नहीं है, ये तो हमारे स्वभाव में हैं. हमारी माएं दादियां सदियों से बड़े बच्चों के कपड़े छोटे बच्चों को पहनाती आ रही हैं, फिर उनके दूसरे भी कई इस्तेमाल हैं, सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि और चीजों में भी ऐसा है तो हम इस स्वभाव को साफ सफाई में भी अपना सकते हैं.

वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले दो साल से मोदी देश की स्वच्छता का प्रतीक हैं. ये पीएम मोदी नहीं बल्कि मूड ऑफ डेवलपिंग इंडिया का सोच है. मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान एनसीसी कैडेट्स के सफाई अभियान, पुणे के कचरा उठाने और ठिकाने लगाने वालों के सहकारी संगठन का साथ मंडी जिले और मैसूर शहर को खुले में शौच से मुक्त और सबसे स्वच्छ जिले का पुरस्कार भी दिया.

इसके अलावा देहरादून के केंद्रीय विद्यालय, सिंधुदुर्ग जिला को भी पुरस्कार दिया। गुजरात में पाटन की हजार साल पुरानी रानी की वाव को सबसे स्वच्छ पर्यटन और सांस्कृतिक स्थल, सूरत रेलवे स्टेशन, चंडीगढ़ शहर, सिक्किम की राजधानी गैंगटोक को स्वच्छ पर्यटन शहर का पुरस्कार भी दिया, पीजीआई चंडीगढ़ सबसे स्वच्छ अस्पताल का अवॉर्ड ले गया.

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