प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले जिस फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड को ढकोसला बता कर विपक्ष ने खिल्ली उड़ाई और केंद्र सरकार के मंत्रियों ने उपलब्धि बता कर महिमामंडन किया, उसी अवार्ड की पृष्ठभूमि को लेकर कुछ अहम तथ्य सामने आए हैं. अमेरिकी मार्केटिंग गुरु ने प्रधानमंत्री मोदी को दिए गए पहले फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड के फैसले के बचाव के लिए ट्विटर का सहारा लिया तो पाया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के जिक्र वाला ये उनका पहला ट्वीट था.
@kotl का मोदी पर पहला ट्वीट
जी हां, इंडिया टुडे ने अमेरिकी मार्केटिंग गुरु के ट्विटर हैंडल को बारीकी से खंगाला तो पता चला कि इलिनॉयस स्थित नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से जुड़े केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के 87 वर्षीय प्रोफेसर फिलिप कोटलर ने पहले कभी भी भारतीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार या विवादों के घेरे में आए अवार्ड को लेकर कभी कोई ट्वीट नहीं किया.
@Kotl ट्विटर हैंडल से कभी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी को लेकर भी कभी कोई ट्वीट नहीं किया गया.
'मेरे दोस्त जग शेठ और द वर्ल्ड मार्केटिंग समिट की ओर से भारतीय प्रधानमंत्री @narendramodi को दिए गए अवार्ड पर भ्रम. यहां मेरा @marketingjour इंटरव्यू भ्रम को दूर करने के लिए: https://tinyurl.com/y724cb7m.'
कोटलर ने स्वतंत्र वैश्विक संगठन के रूप में 'द वर्ल्ड मार्केटिंग समिट' (WMS) की स्थापना की, जिसने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी को अवार्ड से नवाजा. विपक्ष के नेताओं ने अवार्ड को धोखा बताते हुए इसके नामांकन की प्रक्रिया का मखौल उड़ाया. प्रो. कोटलर ने ट्वीट किया- 'मैं पीएम @narendramodi को सबसे पहले फिलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवार्ड से नवाजे जाने के लिए बधाई देता हूं. उन्हें उत्कृष्ट नेतृत्व और भारत के प्रति निस्वार्थ सेवा करने के लिए चुना गया. अथक ऊर्जा के जुड़ाव के साथ (1/2).'
प्रो. कोटलर की पोस्ट ऐसे वक्त आई जब भारत में सोशल मीडिया पर अवार्ड को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच आपस में तकरार छिड़ी हुई है. प्रो. कोटलर ने ट्वीट में जोर देकर कहा, '2/2 @narendramodi की कोशिशों का नतीजा है कि भारत में आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी मोर्चों पर असाधारण प्रगति हुए. उनके पहला अवार्ड जीतने से भविष्य के विजेताओं के लिए मानक ऊंचे हो गए हैं.'
@kotl के भारत से जुड़े 5 ट्वीट
इंडिया टुडे ने @kotl ट्विटर हैंडल को सर्च किया तो पता चला कि प्रो कोटलर ने अगस्त 2008 में ट्विटर से जुड़ने के बाद महज 373 ट्वीट किए हैं.
उनका पहला ट्वीट फरवरी 2011 में आया. सर्च से पता चलता है कि अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक कोटलर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अधिकतर इस्तेमाल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को, खास तौर पर टैक्स और आव्रजन सुधारों निशाना बनाने के लिए किया. कोटलर ने दक्षिणी अमेरिकी सीमा पर दीवार बनाने संबंधी प्रस्ताव का भी विरोध किया.
कोटलर ने हफपोस्ट संगठन के लेखों को भी प्रमोट किया. भारत से कोटलर का जुड़ाव प्रोफेसर जगदीश शेठ के जरिए हुआ लगता है. कोटलर ने शेठ के साथ ट्विटर पर नवंबर 2012 में एक तस्वीर अपलोड की.
80% भारतीय राजनेता और पत्रकार
कोटलर 137 ट्विटर हैंडल्स को फॉलो करते हैं. इनमें विश्व के कुछ नेता और मीडिया कंपनियां शामिल हैं, लेकिन विश्लेषण से सामने आया कि जिन वेरीफाइड अकाउंट्स को वे फॉलो करते हैं उनमें से 80% भारतीय राजनेताओं और पत्रकारों के हैं.
यहां भारतीय राजनीतिक और मीडिया मंचों से जुड़े लोगों की संक्षिप्त सूची दी जा रही है जिन्हें कोटलर फॉलो करते हैं- रविशंकर प्रसाद, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, नीतीश कुमार, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, बीजेपी, अमित शाह, पीएमओ इंडिया, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, लालू प्रसाद, कांग्रेस, राहुल गांधी, शेखर गुप्ता, अरविंद केजरीवाल, शशि थरूर, हिन्दुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, एनडीटीवी, बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई और राहुल कंवल आदि.
इंडिया टुडे सर्च से सामने आया कि कोटलर ने भारत और भारतीय राजनीति को लेकर कभी कभार ही कुछ पोस्ट किया है. प्रो. कोटलर के ट्विटर हैंडल पर भारत को लेकर सिर्फ 5 ट्वीट दिखे. इनमें से दो 2013 के हैं जब उन्होंने CEO इंडिया पत्रिका को इंटरव्यू दिया.
'मार्केटिंग के भविष्य को लेकर फिलिप कोटलर के CEO इंडिया को दिए लंबे इंटरव्यू के लिए देखिए कोटलर की वेबसाइट http://www.pKotler.org. ये ट्वीट उन्होंने 19 मई 2013 को किया. उन्होंने साथ जोड़ा- 'मैंने CEO इंडिया के साथ कोटलर के इंटरव्यू को अभी पोस्ट किया है. इसे यहां http://www.pkotler.org/?p=573 पढ़ें.'
साहिल जोशी / खुशदीप सहगल