ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर पाकिस्तान से भारत के मामले में दखल न देने की नसीहत दी. शनिवार को ओवैसी ने कहा कि वह कश्मीर के मामलों में दखल देना बंद करे. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और बना रहेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र में चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा, कश्मीर घाटी में हालात सामान्य करने के लिए उनके पास कोई नीति, दूर दृष्टि नहीं रही है.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुझे लगता है कि कश्मीर पर नीति में निरंतरता रहनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से उसका अभाव है. एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर रही है. कश्मीर समस्या का हल जेम्स बॉंड या रैम्बो शैली में नहीं होना चाहिए. पाकिस्तान को कश्मीर मामलों में दखलंदाजी बंद करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि 2010 बैच के आईएएस अधिकारी रहे शाह फैसल को अपनी खुद की स्वतंत्र राजनीतिक राह चुननी चाहिए. कश्मीर को इसी की जरूरत है. इससे पहले ओवैसी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के भारतीय मुस्लिमों पर दिए गए बयान की आलोचना की थी.
ओवैसी ने की थी कश्मीर नीति की आलोचना
इससे पहले जम्मू कश्मीर में प्लास्टिक बुलेट के इस्तेमाल की सरकारी योजना की खबरों पर ओवैसी ने कहा था कि यह इस सरकार की कश्मीर नीति है. घाटी में अलगाववाद के पीछे अंतर्निहित कारणों की खोज करने की बजाय सरकार नए गैर-घातक हथियार, जो फिर भी घातक हैं, खोजने की कोशिश कर रही है.
पाकिस्तान ले हमसे सीख
इमरान खान के बयान पर औवैसी ने कहा था कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, सिर्फ मुस्लिम राष्ट्रपति बन सकता है. भारत वंचित तबकों से आने वाले कई राष्ट्रपतियों को देख चुका है. खान साहब के लिए यह सही वक्त है कि वह हमसे समावेशी राजनीति और अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में कुछ सीख सकें.
फारूक अब्दुल्ला ने लगाया ये आरोप
ओवैसी के बयान से पहले कोलकाता की मेगा रैली में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्या की हालात के लिए भाजपा जिम्मेदार है. राज्य के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटा जा रहा है. लोगों को पाकिस्तानी बताया जा रहा है, लेकिन सभी लोग.... लद्दाख से लेकर हर जगह पर... भारत में रहना चाहते हैं. मैं मुसलमान हूं और मुझे भारत से, अपने देश से प्यार है.
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